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अर्पित होटल आग: जानिए 17 लोगों की जान लेने वाले हादसे की आंखों देखी कहानी

मंगलवार सुबह 17 लोगों की जिंदगियां निगल लेने वाले अर्पित होटल में बुधवार को सन्नाटा पसरा हुआ था.

Ravishankar Singh

मंगलवार सुबह 17 लोगों की जिंदगियां निगल लेने वाले अर्पित होटल में बुधवार को सन्नाटा पसरा हुआ था. होटल के सामने बैठे दिल्ली पुलिस के दो-तीन जवान हादसे में शिकार हुए लोगों के परिजनों को लिस्ट देख कर दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भेज रहे थे. बुधवार को अर्पित होटल आने वाला हर शख्स या तो रिश्तेदार था या फिर वह हादसे के शिकार हुए लोगों का परिचित या फिर शुभचिंतक था. कुछ ऐसे भी लोग थे जो होटल में रुके हुए थे और अपना सामान लेने आए हुए थे. किसी को अपना सामान चाहिए था तो किसी को डेथ सर्टिफिकेट के लिए मुहर लगवानी थी. कुलमिलाकर बुधवार को होटल में वही लोग आ रहे थे, जिनका किसी न किसी रूप से होटल में हुए हादसे से संबंध था.

करोलबाग मेट्रो स्टेशन से 70 से 80 कदम दूर गुरुद्वारा रोड स्थित चार मंजिला होटल अर्पित पैलेस के सामने बुधवार को मीडिया का जमावड़ा था. होटल के सामने से गुजरने वाली सड़क पर आने-जाने वाला हर शख्स कुछ देर रुक कर हादसे के बारे में जानकारी हासिल कर रहा था. लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि इतनी चौड़ी सड़क और तिराहे पर मौजूद होटल में आखिर 17 लोगों की मौत कैसे हो गई? होटल के दाएं और सामने चौड़ी रोड है इसलिए आगजनी से बचने के लिए कोई रास्ता नहीं था या आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं था यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी.


होटल अर्पित का मुख्य द्वार ( तस्वीर: रविशंकर सिंह )

होटल के पूरे अंडरग्राउंड और ग्राउंड फ्लोर के आधे हिस्से में बार और रेस्त्रां है. हादसे के वक्त होटल के अंदर कुल 80 से 90 लोगों की मौजूदगी सामने आ रही है. फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी के मुताबिक आग पहली मंजिल से शुरू हो कर चौथी मंजिल तक पहुंची. होटल में वेंटिलेशन सही तरीके से नहीं होने से धुआं बाहर नहीं निकल सका, जिस कारण ज्यादातर लोगों की दम घुटने की वजह से मौत हुई है.

होटल की चौथी मंजिल के कमरा नंबर 401 में सो रहे एक नेपाली दंपत्ति और उसका पांच साल का बेटा सौम्य श्रेष्ठ उन खुशनसीब लोगों में एक रहा, जिनकी जिंदगी इस अग्निकांड में बच गई. होटल में यह घटना घटने के बाद यह परिवार सकते में है.

नेपाल के चितवन के रहने वाले उमंग श्रेष्ठ जो अपने पांच साल के बेटे सौम्य श्रेष्ठ के इलाज के लिए होटल में थे, उनकी पत्नी रीजा श्रेष्ठ भी इस घटना में बच गई. रीजा फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बातचीत में कहती हैं, ‘हम होटल के कमरा नंबर 401 में सो रहे थे, जब हमने मंगलवार सुबह होटल में हंगामा होते सुना तो मुझे लगा कि किसी बात को लेकर लड़ाई हो रही होगी. हमने यह भी सोचा कि होटल के दूसरे मेहमान कर्मचारियों को किसी बात के लिए बुला रहे होंगे. लेकिन, अचानक सभी लोग अपने-अपने कमरे से भागने लगे. तब मैंने बाहर देखा कि क्या हो रहा है तो मुझे पता चला कि होटल की पहली और दूसरी मंजिल से काफी तेज आग और धुआं निकल रहा है.’

रीजा आगे कहती हैं, हमने मदद के लिए होटल मैनेजर और एक नेपाली नागरिक को भी बुलाया. होटल के कर्मचारियों ने तब तक बचाव के लिए एक फायर ब्रिगेड ट्रक को बुला लिया था. हालांकि, फायर ब्रिगेड के लोग होटल के अंदर तक पहुंच नहीं पा रहे थे, क्योंकि मेरा कमरा सामने की तरफ था इसलिए हमलोगों को फायर ब्रिगेड के लोगों ने खिड़की तोड़ कर बाहर निकाला.

रीजा बातचीत में भावुक हो कर कहती हैं, ‘मैंने कई बार मैनेजर को फोन किया और कहा कि हमारे साथ एक बीमार बच्चा है इसलिए जल्दी करें. दमकल की गाड़ी अगर पांच मिनट देर से पहुंचती तो हमलोग मर चुके होते. आखिरकार भाग्य ने हमें बचा लिया.’

अग्निकांड में बचे नेपाली दंपत्ति और उनका पांच साल का बच्चा इस होटल में बीते चार साल से आता-जाता रहा है. गंगा राम अस्पताल में बच्चे का इलाज चल रहा है. ताज्जुब की बात यह है कि होटल की सबसे आखिरी मंजिल पर नेपाली दंपत्ति और बच्चा बच जाता है और होटल की पहली मंजिल और दूसरी मंजिल पर रहने वाले ज्यादातर लोग इस हादसे के शिकार हो जाते हैं.

दुर्घटना में बाल-बाल बचे नेपाली दंपत्ति उमंग श्रेष्ठ ( नीले स्वेटशर्ट में ) और उनकी पत्नी रीजा श्रेष्ठ

होटल की दुर्घटना में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक बच्चा और महिलाएं भी हैं. मरने वालों में ज्यादातर लोग दिल्ली से बाहर के हैं, जो या तो दिल्ली घूमने आए थे या फिर अस्पतालों में इलाज के लिए आए थे. मरने वालों में एक म्यांमार का भी आदमी है. इस हादसे में 35 लोगों की जान बची है जबकि गंभीर रूप से झुलसे तीन लोगों का अब भी इलाज चल रहा है.

मंगलवार देर रात आरएमएल अस्पताल की मोर्चरी में दिल्ली पुलिस ने दो और मृतकों की शिनाख्त कर ली. मृतक दोनों व्यक्ति की शिनाख्त नंद कुमार और अरविंथ सुकुमारन के तौर पर हुआ. बुधवार दोपहर तमिलनाडु सरकार के अधिकारी होटल में जानकारी हासिल करने आए. फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत में तमिलनाडु सरकार के एक अधिकारी कहते हैं, ‘दोनों ही चेन्नई की एक कपड़ा कंपनी में नौकरी करते थे. दोनों का अक्सर दिल्ली आना-जाना होता रहता था. दोनों ही शख्स अक्सर अर्पित पैलेस होटल में ही रुकते थे. इनके साथ एक हरि नाम का दोस्त भी हर बार आता था, लेकिन इस बार किन्हीं कारणों के चलते वह दिल्ली नहीं आया. परिजनों को सूचना दे दी गई है. बृहस्पतिवार सुबह तक परिजन दिल्ली पहुंच जाएंगे, तब तक हमलोग कागजी कार्रवाई पूरी कर रहे हैं.

इस होटल को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि लगभग 15-20 साल पहले भी इस होटल में आग लगी थी. इस होटल के मालिक का नाम राकेश गोयल है, जिसने अपने बेटे अर्पित के नाम पर होटल का नाम रखा था. राकेश गोयल और उसका बेटा इस घटना के बाद से ही फरार चल रहे हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस होटल में तीन रेस्टोरेंट भी बने हुए हैं. ग्राउंड फ्लोर पर क्रॉस रोड रेस्टो एंड बार का बोर्ड लगा हुआ है. इसके अलावा भी बेसमेंट और टॉप फ्लोर यानी पांचवी मंजिल पर एक रेस्टोरेंट और बार चल रहा था. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस रेस्टोरेंट और बार का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था. होटल मालिक ने तीनों बार और रेस्टोरेंट का निर्माण अवैध तरीके से करा कर किराए पर दे दिया था.

इस हादसे के बाद दिल्ली पुलिस ने अर्पित पैलेस होटल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 और 308 के तहत मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस ने होटल के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है. होटल का मालिक अब भी दिल्ली पुलिस की पकड़ से दूर है. इस हादसे में अब तक 13 लोगों की पहचान हो चुकी है जबकि चार लोगों की शिनाख्त की कोशिश चल रही है.

होटल के बार पुलिसवाले

अर्पित पैलेस में आग लगने के मुख्य कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पहली मंजिल के कमरा नंबर 109 में एक चिंगारी ने 17 लोगों की जीवन लीला समाप्त कर दी. मीडिया रिपोर्ट्स में फायर विभाग की तरफ से कहा गया है कि होटल में कई तरह की कामियां पाई गई हैं. होटल के एग्जिट और स्लाइडर विंडो में खुलने में दिक्कत आ रही थी. इससे होटल के अंदर का धुआं बाहर नहीं निकल रहा था. ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई है. होटल में मृत पाए गए अधिकतर लोगों के शव तीसरी और चौथी मंजिल पर पाए गए हैं. प्राथमिक जांच में पाया गया है कि होटल के अंदर आग बुझाने के जो सिलेंडर और साधन थे वह काम नहीं कर रहे थे.

अर्पित पैलेस में आग लगने की जांच दिल्ली के केशवपुर जोन की उपायुक्त इरा सिंघल को सौंपी गई है. इरा सिंघल को हादसे की जांच कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपनी होगी. इरा सिंघल आईएएस टॉपर रह चुकी हैं. संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पहली रैंक हासिल करने वाली 2015 बैच की आईएएस अधिकारी इरा सिंघल की जांच रिपोर्ट के बाद ही होटल पर आगे की कार्रवाई होगी.

तमिलनाडु के कपड़ा व्यावसायी अरविंथ का डेथ सर्टिफिकेट

वैसे, बुधवार को दिल्ली में सीलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्यों में से केजे राव और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) चेयरमैन भूरेलाल यादव ने होटल अर्पित पैलेस का दौरा किया है. दोनों ने स्थानीय लोगों और अधिकारियों से जानकारी हासिल की है. ऐसे में कहा जा सकता है आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली में कुकुरमुत्ते की तरह फैले होटलों पर भी कोर्ट का डंडा चल सकता है.