मंडोली जेल अधिकारियों ने दिल्ली की एक कोर्ट को बताया कि आप विधायक अमानतुल्लाह खान की जान को कोई खतरा नहीं है. अधिकारियों ने खान के आरोपों को 'बेबुनियाद' करार दिया है. मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमला करने के आरोप में खान मंडोली जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बंद हैं.
पूर्वोत्तर दिल्ली की मंडोली जेल संख्या 11 के अधीक्षक ने कोर्ट के आदेश के अनुरूप मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शेफाली बरनाला टंडन के सामने एक रिपोर्ट दायर की थी.
विधायक ने एक आवेदन दायर करके अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाया था जिसके बाद कोर्ट ने उनसे इस पर जवाब मांगा था.
अधीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी को बुलाकर उन्हें कोर्ट में उनकी पत्नी के आवेदन के बारे में जानकारी दी गई. इस आवेदन में आरोप लगाया गया था कि उनके पति ने मुलाकात के दौरान बताया था कि अन्य कैदियों द्वारा उन्हें पीटा गया या धमकी दी जा रही है. उन्होंने यह भी चिंता जताई कि हिरासत के दौरान जेल में उनकी हत्या की जा सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया कि जब खान से इस आवेदन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.
इसमें कहा गया, 'इस मामले में टिप्पणी मांगने पर उन्होंने कहा कि उन्हें किसी कैदी द्वारा न तो पीटा गया और ना ही उन्हें कोई धमकी दी गई, ना ही उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर कोई चिंता है. वह फिलहाल काफी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.'
रिपोर्ट के अनुसार इन टिप्पणियों को देखते हुए कहा जाता है कि आरोप बेबुनियाद हैं. इसके बाद कोर्ट ने विधायक के आवेदन का निपटारा किया.
क्या था मामला
खान की पत्नी ने 26 फरवरी को दायर आवेदन में आरोप लगाया था कि जब वह 22 फरवरी से जेल में बंद अपने पति से मिलने गईं तो उन्होंने बताया कि उन्हें कैदियों द्वारा पीटा गया, धमकी दी गई और परेशान किया गया.
याचिका में कहा गया कि खान ने यह भी दावा किया कि वह डरे हुए हैं कि उनकी हिरासत में मौत हो सकती है. वह मांग कर रहे हैं कि उन्हें मंडोली जेल से ट्रांसफर किया जाए.
विधायक खान को 19 फरवरी की रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक बैठक के दौरान मुख्य सचिव पर कथित हमले के संबंध में 20 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.