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तमिलनाडु की एक और महिला ने रक्त चढ़ाए जाने के बाद HIV होने का किया दावा

महिला ने बताया कि वह जब गर्भवती थी तब वह नियमित रुप से एक स्थानीय जनस्वास्थ्य केंद्र में जाती थी जहां उसे केवल टीके लगते थे

Bhasha

तमिलनाडु में कथित रूप से चिकित्सा लापरवाही के एक ताजा मामले में एक महिला ने दावा किया है कि एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान उसे रक्त चढ़ाए जाने के बाद वह एचआईवी संक्रमित हो गई. हालांकि, अस्पताल ने महिला के इन आरोपों का खंडन किया है.

प्रभावित महिला ने एक तमिल टीवी चैनल से शुक्रवार को कहा कि गर्भवती होने के दौरान अप्रैल में उसे रक्त चढ़ाया गया था. अगस्त में फिर जब उसकी विभिन्न जांच हुई तब उसे पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित हो गई है.


महिला ने बताया कि वह जब गर्भवती थी तब वह नियमित रुप से एक स्थानीय जनस्वास्थ्य केंद्र में जाती थी जहां उसे केवल टीके लगते थे.

उसने कहा, 'सरकारी किलपौक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ही उसे खून चढ़ाया गया. यही गलती हुई.' महिला की उम्र 20 साल के आसपास है.

उसके आरोप का खंडन करते हुए अस्पताल की डीन डॉ. पी वसंतणि ने कहा कि महिला को शत प्रतिशत एचआईवी मुक्त खून चढ़ाया गया था.

महिला ने कहा कि उसने राज्य सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया लेकिन उसका प्रयास व्यर्थ चला गया. उसने पहले यह बात सार्वजनिक इसलिए नहीं की क्योंकि उसके रिश्तेदारों ने उसे चेतावनी दी थी कि इससे उनकी इज्जत पर बट्टा लगेगा और अब उसके रिश्तेदार भी उसका साथ नहीं दे रहे हैं.

इस संबंध में जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभाष्कर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया से ही यह पता चला है और उन्होंने संकेत दिया कि वह बाद में कार्रवाई करेंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले विरुद्धनगर जिले के सत्तूर में 24 साल की एक गर्भवती महिला को रक्त चढाए जाने के बाद उसे एचआईवी संक्रमित होने का मामला प्रकाश में आया है.