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जवानों से 'इंतजार करने और मरने' के लिए नहीं कह सकता: बिपिन रावत

सेना अध्यक्ष ने कहा, ये जवान विकट परिस्थितियों में आतंकवाद प्रभावित इस इलाके में सुरक्षा इंतजाम को देखते हैं

FP Staff

सेना पर कश्मीर में चरमपंथियों द्वारा लगातार पथराव हो रहे हैं. इस विषय पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, 'जब लोग हम पर पथराव कर रहे हों और पेट्रोल बम फेंक रहे हों तो मैं अपने जवानों से ‘केवल इंतजार करने और मरने’ के लिए नहीं कह सकता हूं. उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी का जवाब दिया जाना जरूरी है.

आर्मी चीफ ने कहा, भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में डर्टी गेम से निपट रही है. इससे निपटने के लिए इनोवेटिव तरीका इस्तेमाल करने की जरूरत है.

उन्होंने सेना के एक अधिकारी द्वारा पत्थरबाजों से आत्मरक्षा के लिए जीप के बोनट पर कश्मीरी युवक को बांधकर घुमाने की घटना को सही ठहराया.

रावत ने कहा, मेजर लीतुल गोगोई को सम्मानित किए जाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि जब भी कोर्ट आॅफ इंक्वायरी खत्म हो, हमारे जांबाज युवा अधिकारियों का आत्मबल बढ़ा हुआ हो. ये जवान बेहद विकट परिस्थितियों में आतंकवाद प्रभावित इस इलाके में सुरक्षा इंतजाम को देखते हैं.

गौरतलब हो कि कश्‍मीर में पिछले कई महीनों से सेना पर पत्‍थरबाजी की घटनाएं हो रही हैं. यह एक राजनीतिक मुद्दा भी बनता जा रहा है.

विपक्ष जहां इसके लिए सरकार की नीतियों और सेना के निर्णयों को दोषी ठहरा रहा है वहीं सरकार का बार-बार यही कहना है कि देश विरोधी गतिविधियों को सही नहीं ठहराया जा सकता.

न्यूज़ 18 साभार