अंडमान के हैवलॉक और नील द्वीपों में तूफानी मौसम की वजह से तकरीबन 1400 सैलानी फंस गए हैं. उन्हें निकालने के लिए नौसेना ने बुधवार को चार पोतों को लगाया है.
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के हैवलॉक आइलैंड पर करीब 800 पर्यटक फंसे हैं जबकि नील आइलैंड पर 600 के करीब लोग फंसे हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सैलानियों को निकालने की तैयारी हो चुकी है.
भारी बारिश व तेज हवाओं के कारण फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय नौसेना ने बुधवार को अपने चार जहाज भेजे.
एक अधिकारी ने बताया कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के आपदा प्रबंधन विभाग ने हैवलॉक द्वीप पर 'चक्रवाती तूफान' का अंदेशा जताया है. मौसम विभाग के अनुरोध पर ही सेना ने यहां से पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुरू किया.
हैवलॉक द्वीप राजधानी पोर्ट ब्लेयर से करीब 36 किलोमीटर दूर है. मौसम विभाग ने पहले ही ‘एल-1 डिजास्टर’ को लेकर चेतावनी जारी कर दी थी. अंडमान में हेवलॉक और नील द्वीप पर्यटकों की पहली पसंद होते हैं. इस कारण यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आए हुए थे. बारिश के चलते यहां हवाई उड़ानें भी प्रभावित हुई है. रातभर हुई तेज बारिश ने पूरे द्वीप का जनजीवन प्रभावित कर दिया है. विभाग ने अनुमान लगाया है कि राजधानी से 40 किमी दूर स्थित हेवलॉक और नील द्वीप पर चक्रवाती तूफान कभी भी आ सकता है.
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, 'पोर्ट ब्लेयर से 310 किलोमीटर दूर समुद्र में उथल-पुथल देखेन को मिल रही है. हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते, इसलिए नौसेना से संपर्क किया गया.'
अधिकारी ने कहा कि भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण पर्यटकों को जहाज में सवार होने के लिए जेटी तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने जल्द द्वीप को खाली करा लिए जाने की उम्मीद जताई है.
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि ये जहाज उस क्षेत्र में मौजूद हैं और समुद्र की स्थिति खराब नजर आ रही है. अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना ने आईएनएस बित्रा, बंगाराम, कुंभीर और एलसीयू-38 जहाजें द्वीप को खाली कराने के लिए भेजी हैं.
शर्मा ने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा ज्यादा अहमियत रखती है.
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)