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अमृतसर रेल हादसा: दशहरा का जश्न मनाने के लिए मांगी थी सुरक्षा, पुलिस ने कहा- कोई आपत्ति नहीं

अमृतसर नगर निगम ने शनिवार को कहा कि धोबी घाट मैदान में दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई थी. लेकिन अब अनुमति मांगे जाने का एक पत्र सामने आया है.

Bhasha

अमृतसर नगर निगम ने कहा कि धोबी घाट मैदान में दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई थी. निगम ने बताया कि अमृतसर में जोड़ा फाटक के निकट शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गए जिसमें कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई और 72 अन्य घायल हो गए. हालांकि अब पुलिस से सुरक्षा मांगे जाने का पत्र सामने आया है.

वहीं अब सामने आया है कि दशहरा कमेटी ने धोबी घाट पर दशहरा का जश्न मनाने के लिए पुलिस से सुरक्षा प्रबंधन की मांग करते हुए पत्र लिखा था. पुलिस ने भी पत्र का जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें इसको लेकर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है.


दूसरी तरफ अमृतसर नगर निगम की आयुक्त सोनाली गिरी ने बताया, 'दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति किसी को नहीं दी गई थी. इसके अलावा किसी ने भी अमृतसर नगर निगम में अनुमति के लिए आवेदन भी नहीं किया था.' आयुक्त ने कहा कि पिछले साल से अलग शुक्रवार शाम में व्यापक पैमाने पर समारोह का आयोजन किया गया था. उन्होंने बताया, 'शुक्रवार शाम में जितने बड़े समारोह का आयोजन किया गया पिछले साल इतने व्यापक स्तर पर कार्यक्रम नहीं किया गया था.'

पूर्व विधायक और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू समरोह की मुख्य अतिथि थीं. समारोह का आयोजन कथित तौर पर कांग्रेस पार्षद विजय मदान के पति सौरभ मदान ने किया था. समारोह स्थल पर नवजोत सिंह सिद्धू, उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, सौरभ मदान और उनकी पत्नी पत्नी विजय मदान का पोस्टर लगा हुआ है. अकाली दल, बीजेपी और आप समेत विपक्षी दलों ने समारोह आयोजित करने की अनुमति देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने रेलवे पटरी के नजदीक दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली पंजाब सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया.