अमृतसर में शुक्रवार को रावण दहन के दौरान हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना की जगह पर लोग अब प्रदर्शन कर रहे हैं. शनिवार से जारी इस प्रदर्शन में लोग पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और ट्रेन ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
इस बीच रविवार को जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जाने के लिए कहा तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. इसके बाद पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों को भगाने की कोशिश की.
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं लोग
अपने इस विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी लापता लोगों का पता लगाए जाने की भी मांग कर रहे हैं. जोड़ा फाटक के समीप एक इलाके के रहने वाले कमल ने कहा, ‘मेरे इलाके में रहने वाले दो मजदूर अब भी लापता हैं.’
कमल ने आशंका जताई कि सरकार ने मृतकों की जो संख्या बताई है वह उससे अधिक हो सकती है.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को घटनास्थल और अस्पतालों का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि 59 लोगों की मौत हुई है और 57 घायल हैं. हालांकि सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने बताया कि हादसे में 61 लोगों ने जान गंवाई. रविवार को प्रदर्शन में एक अन्य स्थानीय निवासी राजू ने कहा कि एक व्यक्ति घटना में मारे गए अपने पिता के शव की अब भी तलाश कर रहा है.
राजू ने कहा, ‘वह अपने पिता के शव को ढंकने के लिए कपड़ा लेने गया था लेकिन जब लौटा तो उसे शव नहीं मिला.’ एक अन्य स्थानीय निवासी राम कुमार ने दावा किया कि सब्जी बेचने वाले काजल के परिवार के चार सदस्य गायब हैं.
घटना में अपने भाई विकास और निंदरपाल को खो चुकी अंजू ने आरोप लगाया कि नेता इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं. उसने कहा, ‘जब हर कोई जानता है कि यहां पिछले कई वर्षों से दशहरे का कार्यक्रम होता आ रहा है तो ऐसे हादसे को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए थे.’
पंजाब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कमांडो सहित कई अन्य जवानों को तैनात किया है. आरएएफ को भी जोड़ा फाटक इलाके में तैनात किया गया है.
(भाषा से इनपुट)