मल्टीनेशनल कंपनियां जैसे अमेजन, एचएंडएम, पेप्सी और कोका-कोला ने महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह हुए प्लास्टिक बैन के नियमों में नरमी बरतने की गुजारिश की है. इस मामले पर कंपियों ने तर्क दिया है कि यह प्रतिबंध तेजी से उन कंपनियों के लिए लागत बढ़ा सकता है जो पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक पर काफी हद तक निर्भर हैं, जैसे खुदरा विक्रेताओं, ड्रिंक्स बनाने वाले और बोतलबंद पानी वाली कंपनियां.
महाराष्ट्र सरकार का प्लास्टिक बैन इतने बड़े पैमाने पर लागू किया गया पहला प्रभावी कदम है. मालूम हो कि मोदी सरकार ने 2022 तक भारत को प्लास्टिक मुक्त कराने का बीड़ा उठाया है. यूएन रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में प्लस्टिक वेस्ट का आधा हिस्सा पैकेजिंग वाला प्लास्टिक होता है जिसे इस्तेमाल के कुछ मिनटों बाद ही फेंक दिया जाता है.
अमेजन, एचएंडएम, पेप्सी, और कोका-कोला जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्लास्टिक बैन के कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियो से मुलाकात की. मुलाकात में कंपनियों ने प्लास्टिक बैन नियमों को एक-एक करके लागू करने और नियमों में कुछ नरमी की गुजारिश की.
प्लास्टिक बैग्स उत्पादक एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी नीमित पुनामिया ने बताया 'हमने सरकार से प्लास्टिक का विकल्प तैयार करने के लिए 7 साल का समय मांगा है. क्योंकि हमने निवेश किया है, हमें लोन चुकाने हैं और कर्मचारियों को भी संभालना है. ये सब रातोंरात नहीं हो सकता.'
पेप्सी और कोकाकोला प्लास्टिक बैन नियमों में राहत चाहते हैं क्योंकि उन्हें लोगों से खाली प्लास्टिक की बोतलों को बायबैक स्कीम के तहत खरीदने के लिए खर्चा करना होगा. अमेजन फ्लिपकार्ट, पेप्सी और कोकाकोला ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी. जबकि एचएंडएम ने कहा कि हम रीसाइक्लिंग और रीयूजिंग को सर्पोट करते है और सरकार के साथ मिलकर समाधान और विकल्प निकालना चाहते हैं.
महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री ने बुधवार को कहा कि सरकार किराने की दुकानों के लिए नियमों को आराम देगी, जिससे वे प्लास्टिक में चावल और दालें जैसे सामानों को पैक कर सकते हैं. हालांकि, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक रीसाइक्लिंग के लिए पैकेजिंग वापस कर दें.
एक वरिष्ठ राज्य अधिकारी ने कहा कि सरकार ऑनलाइन रिटेलर्स के लिए नियम के कुछ पहलुओं को भी कम कर सकती है या उन्हें नियमों को लागू करने के लिए थोड़ा समय दे सकती है.
नियमों का अनुपालन
महाराष्ट्र के प्लास्टिक बैन में बैग, फूड कंटेनर, चम्मच, कांटे, चश्मे और पैकेजिंग प्लास्टिक शामिल हैं - जो कि प्लास्टिक इंडस्ट्री का 150 अरब रुपये (2.20 अरब डॉलर) और लगभग 300,000 नौकरियों का नुकसान है.
जब से राज्य में प्लास्टिक बैन लागू किया गया है तब से निरीक्षण टीमें पुलिस के साथ दुकानों और रेस्टोरेन्ट्स पर रेड डाल रही है. नियमों के उल्लघंन पर 25000 तक का जुर्माना और 3 महीने की जेल का प्रावधान है.
(साभार न्यूज 18)