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अमरनाथ आतंकी हमला: मास्टरमाइंड अबू इस्माइल की खोज तेज

अबू इस्माइल अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले का मुख्य मास्टरमाइंड भी है

FP Staff

अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरे जोर-शोर से अबू इस्माइल की खोज में जुटी हैं. अबू इस्माइल लश्कर-ए-तैयबा का दक्षिण कश्मीर का स्थानीय कमांडर है और अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले का मुख्य मास्टरमाइंड भी माना जा रहा है.

इस्माइल पाकिस्तानी नागरिक है और उसे कश्मीर में लश्कर का प्रमुख बनाकर भेजा गया है. कहा जा रहा है कि इस्माइल कश्मीर में लश्कर प्रमुख अबू दुजाना का वारिस है और उसे इस हमले में कुछ स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिला है.


जम्मू-कश्मीर के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘हमने हमले में शामिल इस्माइल के साथ अन्य दो लोगों की पहचान भी की है. हमने उन लोगों की भी पहचान कर ली है जो आतंकियों को घटनास्थल के पास ले गए थे और उन्हें हथियार मुहैया कराया था. हमें पता है कि आतंकी किस दिशा में गए हैं. हम जल्द ही उन्हें खोज निकालेंगे.’

पाक नागरिक है अबू इस्माइल 

मंगलवार सुबह जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के आई मुनीर खान ने कहा कि इस हमले का मास्टरमाइंड अबू इस्माइल है. उन्होंने कहा, ‘अमरनाथ यात्रियों पर हमला लश्कर-ए-तैयबा ने किया है और इस हमले का मास्टरमाइंड पाक आतंकी इस्माइल है. स्थानीय आतंकियों ने भी इस हमले में उसकी मदद की है.’

वहीं हमला करने वाला लश्कर-ए-तैयबा ही अब हमले की निंदा कर रहा है. उसने मंगलवार सुबह एक बयान जारी करके इस हमले की निंदा की और कहा कि यह ‘निंदनीय और गैर-इस्लामिक है.’

लश्कर का प्रवक्ता अब्दुल्लाह गजनवी का कहना है कि ‘इस्लाम किसी अन्य धर्म पर हिंसा की इजाजत नहीं देता है. हम ऐसे कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.’ हालांकि इससे पहले अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमलों में भी लश्कर का हाथ होने की संभावना जताई गई थी. लेकिन तब लश्कर-ए-तैयबा ने अपना हाथ होने से इनकार करते हुए कोई भी बयान जारी नहीं किया था.

इस लिहाज से अलग है यह हमला 

सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रियों पर हुए इस हमले में हमलावरों को स्थानीय हिजबुल मुजाहिदीन के कैडरों द्वारा मदद पहुंचाए जाने के भी सबूत मिले हैं.

सोमवार को अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला पहले हुए हमलों से दो कारणों से अलग है. पहली बार ऐसा देखा जा रहा है जब किसी आतंकी हमले के लिए दो आतंकी समूहों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया है.

दूसरा यह कि पहली बार लश्कर को इस तरह के हमले में स्थानीय लोगों की मदद मिलने के सबूत मिले हैं. इससे पहले पांच हमलों में सिर्फ लश्कर का ही हाथ था. हिजबुल मुजाहिदीन इससे पहले सेकुलरिज्म की नीति को अपनाते हुए अमरनाथ यात्रियों को किसी तरह का नुकसान पहुंचाए जाने के खिलाफ रहा है.

(साभार न्यूज 18)