बहुस्तरीय सुरक्षा के बीच बुधवार को 40 दिवसीय अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई. 2,280 श्रद्धालुओं का पहला जत्था यात्रा पर रवाना हुआ.
पर्यटन राज्यमंत्री प्रिया सेठी और जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने काफिले को दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित भगवान शिव को समर्पित गुफा की ओर सुबह लगभग साढ़े पांच बजे रवाना किया.
यहां भगवती नगर यात्री निवास से 72 वाहनों का काफिला 'जय भोलेनाथ' और 'बम बम भोले' के जयकारे के बीच रवाना हुआ.
यात्रियों के साथ सीआरपीएफ के वाहन भी चल रहे हैं
अधिकारियों ने बताया कि खुफिया चेतावनी मिलने के चलते सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा बंदोबस्त किए गए. इनमें सैटेलाइट ट्रेकिंग प्रणाली, जैमर, बुलेटप्रूफ बंकर, श्वान दस्ते, सीसीटीवी कैमरे और त्वरित प्रतिक्रिया बलों के अतिरिक्त हजारों सुरक्षाकर्मी शामिल हैं जो घाटी में बढ़ी हिंसा और खतरे के मद्देनजर मार्ग में तैनात हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि पहले जत्थे के श्रद्धालुओं में 1,811 पुरुष, 422 महिलाएं, 47 साधु हैं जिनकी सुरक्षा में केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल के वाहन साथ चल रहे हैं.
इनमें से 698 श्रद्धालु 25 वाहनों में सवार होकर बालटाल आधार शिविर की ओर रवाना हो गए जबकि जम्मू बेस कैंप से 1,535 श्रद्धालु और 47 साधु 47 वाहनों में सवार होकर पहलगाम आधार शिविर की ओर रवाना हो गए.
उप मुख्यमंत्री ने कहा, 'सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सड़क के रास्ते यात्रा और आधार शिविरों के लिए आवश्यक सुरक्षा इंतजाम जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का खास ध्यान रखा गया है.'
सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक एसएन श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा था कि वार्षिक यात्रा एक बड़ी चुनौती है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.
25,000 जवान केंद्र ने राज्य सरकार को मुहैया करवाए
सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है.
राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं जिनमें 25,000 जवान हैं.
बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है. सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है. इस साल यात्रा की अवधि पिछले साल के मुकाबले आठ दिन कम है.