राजस्थान के अलवर में भीड़ की पिटाई से हुई मौत के मामले में पुलिस ने अपनी गलती मान ली है. राजस्थान पुलिस ने सोमवार को कहा कि भीड़ की पिटाई के बाद पीड़ित को हॉस्पिटल ले जाने में देरी हुई. पुलिस ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम मामले की पूरी जांच के बाद जल्द रिपोर्ट देगी.
बता दें कि शुक्रवार को गौ-तस्करी के शक में अकबर नाम के शख्स को भीड़ ने बुरी तरह पीटा था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने वसुन्धरा राजे सरकार से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी थी.
कथित तौर पर पुलिस ने अकबर को रामगढ़ कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर ले जाने में तीन घंटे का समय लगा दिया जबकि वारदात की जगह से हॉस्पिटल केवल 4 किलोमीटर दूर है. इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें यह कहा गया है कि अकबर को हॉस्पिटल ले जाया गया था जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कथित तौर पर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अकबर को हॉस्पिटल ले जाने से पहले पुलिस चाय पीने और पुलिस स्टेशन में कपड़े बदलने के लिए रुकी थी. पुलिस वीएचपी गौ रक्षक सेल के प्रमुख नवल किशोर शर्मा द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर एक्टिंग कर रही थी.