view all

शराबबंदी ने बिहार को दूध और शहद की धरती बना दिया!

बिहार में शराबबंदी का असर कितना बेहतरीन रहा है, इस बात का खुलासा डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (DMI), पटना ने किया है

FP Staff

बिहार में शराबबंदी का असर कितना बेहतरीन रहा है, इस बात का खुलासा डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (DMI), पटना ने किया है. शराबबंदी का राज्य के लोगों पर जो प्रभाव पड़ा है, उसे देखते हुए लग रहा है कि बिहार अब दूध और शहद की धरती में तब्दील हो गया है.

पटना डीएमआई की स्टडी के अनुसार, 2016-17 में मिल्क प्रोडक्ट्स की खरीद में 17.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इनमें सबसे अधिक बिक्री सुधा लस्सी और प्लेन दही में देखने को मिली है. वहीं शहद की बिक्री में 300 फीसदी और पनीर में 200 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.


स्टडी में ये भी दिखलाया गया है कि शराब पीने वालों का अब ज्यादा ध्यान कंज्यूमर गुड्स खरीदने पर भी रहता है. उदाहरण के तौर पर महंगी साड़ियों की बिक्री में 1715 फीसदी और महंगे ड्रेस मटिरियल में 910 फीसदी और प्रोसेस्ड फूड में 46 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसके अलावा शराबबंदी के बाद बिहार को एंटरटेनमेंट टैक्स भी काफी मिला है. एंटरटेनमेंट टैक्स में 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

साथ ही 4 व्हीलर्स में 30 फीसदी, ट्रैक्टर में 29 फीसदी और थ्री व्हीलर्स में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बिहार के ताजा इकनॉमिक सर्वे में शराबबंदी को अच्छी पहल करार दिया गया है. बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की गई थी. गुजरात, नगालैंड और लक्षद्वीप के बाद शराबबंदी करने वाला बिहार देश का चौथा राज्य बन गया है.