view all

अखिलेश यादव का बंगला हुआ उजाड़, तस्वीरों में देखें इसकी हालत

अखिलेश यादव ने इसे अपने मुख्यमंत्री रहते ही बनवाया था, इसको भव्य रूप देने और साज सज्जा में दो बार में 42 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे

FP Staff

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने सरकारी बंगले की चाभियां राज्य संपत्ति विभाग को सौंप दी हैं. इसके साथ ही बंगले के अंदर कथित तौर पर की गई तोड़फोड़ पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तेज हो गई है.

सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें और वीडियो जारी हुए हैं, जिनमें दिख रहा है कि बंगले को खाली करने से पहले उसमें काफी तोड़फोड़ की गई. सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही कुछ तस्वीरों में बंगले के फर्श से टाइल्स उखाड़ा हुआ दिख रहा है.


राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला से पूछा गया कि सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो क्लिपिंग वायरल हो रही हैं जिनमें दिख रहा है कि बंगले को खाली करने से पहले उसमें काफी तोड़फोड़ की गई है. इस पर शुक्ला ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘हम बंगले को देखेंगे कि उसे क्या नुकसान पहुंचाया गया है या फिर जो सामान संपत्ति विभाग की ओर से लगवाया गया था उसमें कोई सामान कम है उसके बाद ही हम बंगले के मालिक को नोटिस देंगे.’

अखिलेश यादव की सरकारी बंगले की सजावट में करोड़ों रुपया खर्च किया गया था. इसमें सुख सुविधाओं का हर इंतजाम किया गया था लेकिन, इसे खाली करते वक्त बुरी तरह से उजाड़ दिया गया है.

अखिलेश के बंगले के अंदर कथित तौर पर की गई तोड़फोड़ पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तेज हो गई है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने एक बयान में सरकारी बंगले को खाली करने से पहले की गई तोड़फोड़ पर चिंता जताते हुए कहा कि बंगले में तोड़फोड़ से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी मुखिया अखिलेश यादव की कुंठा झलकी है.

उन्होंने कहा कि अखिलेश को मुख्यमंत्री रहते हुए ही इस बात का एहसास हो गया था कि वह दुबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले पाएंगे इसीलिए मुख्यमंत्री रहते हुए ही उन्होंने अपने लिए एक शानदार बंगला सरकारी खर्च पर तैयार कराया था जिसमें सरकारी पैसे का जमकर दुरुपयोग किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मजबूरी में वह बंगला उन्हें खाली करना पड़ा लेकिन बंगला खाली करने से पहले जिस तरह उस विलासिता को छुपाने के लिए तोड़-फोड़ की गई वो शर्मनाक भी है और निंदनीय भी.

प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, एसी और टाइल्स इसलिए नहीं उखाड़ लेना चाहिए था क्योंकि यह सरकारी संपत्ति है. उन्होंने (अखिलेश यादव) सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. इसकी जांच होनी चाहिए.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने को कहा था. मुलायम सिंह यादव अपने और अखिलेश के बंगले को बचाने के लिए योगी आदित्यनाथ से मिले भी थे. लेकिन इसके बाद योगी सरकार ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर दिया था. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों में अब एनडी तिवारी ही बचे हैं जिन्हें सरकारी आवास खाली करना है.

वहीं समान शिफ्ट होने के बाद आधिकारिक तौर पर अखिलेश यादव ने अपना सरकारी बंगला राज्य संपति विभाग को हैंडओवर कर दिया.अखिलेश यादव ने इसे अपने मुख्यमंत्री रहते ही बनवाया था, इसको भव्य रूप देने और साज सज्जा में दो बार में 42 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.

अखिलेश यादव ने दी सफाई

बंगले में तोड़फोड़ पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘बीजेपी उन्हें बदनाम करना चाहती है. अगर उन्हें या सरकार को लगता है कि यह नुकसान हमारी ओर से हुआ है तो टूट-फूट और गायब सामान की सूची उपलब्ध कराएं, हम भरपाई कर देंगे.’

अखिलेश ने कहा, ‘वैसे अगर मीडिया को बंगला दिखाना ही था तो पूरा बंगला दिखाना चाहिए था. हमारे बेडरूम, बच्चों का कमरा और मंदिर आदि अन्य जगह भी दिखानी चाहिए थीं. जरूरत पड़े तो शौचालय भी दिखाएं. मनमुताबिक दिखाकर बदनाम करना ही तो बीजेपी का काम है.’

गौरतलब है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह पहले ही पाना बंगला खाली कर चुके हैं. हालांकि, एनडी तिवारी ने मॉल एवेन्यू स्थित अपने बंगले को खाली नहीं किया है. उनके बंगले के बाहर अब ट्रस्ट का बोर्ड लगा दिया गया है.