2007 में अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाके का फैसला बुधवार को आ गया है. जयपुर की एनआईए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
कोर्ट ने 9 आरोपियों में से असीमानंद सहित सहित 6 आरोपियों को बरी कर दिया है. सुनील जोशी, भावेश और देवेंद्र गुप्ता को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. दोषी ठहराए गए आरोपियों में से सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है.
इस मामले पर सजा का फैसला 16 मार्च को सुनाया जाएगा.
यह बम ब्लास्ट 11 अक्टूबर 2007 को अजमेर शरीफ की दरगाह में हुआ था. इस ब्लास्ट में 3 लोग मारे गए थे जबकि 15 लोग घायल हुए थे.
शुरुआती जांच में इस बम ब्लास्ट के पीछे लश्करे तोयबा का हाथ बताया गया था. बाद में जांच के बाद इस ब्लास्ट के पीछे हिंदुत्ववादी संगठनों का हाथ बताया गया.