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लगातार बिगड़ रही है दिल्ली की एयर क्वालिटी, मंगलवार रहा सबसे प्रदूषित दिन

पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली की हवा की क्वालिटी इस मौसम में मंगलवार को बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई

FP Staff

दिल्ली की हवा की क्वालिटी लगातार बिगड़ती जा रही है.हवा की क्वालिटी इस मौसम में मंगलवार को पहली बार बेहद गंभीर स्थति में पहुंच गई. मंगलवार को इस मौसम का सबसे प्रदूषित दिन बताया जा रहा है. यह बुधवार को भी जारी है.

क्या रही वजह?


अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली की हवा की क्वालिटी इस मौसम में मंगलवार को बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को  AQI 401 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. यह इस मौसम में रिकॉर्ड स्तर है. वहीं बुधवार को भी  दिल्ली में  PM 2.5 का आंकड़ा 262 और PM 10 का आंकड़ा 283 रहा. ये दोनों ही खराब की श्रेणी में आते हैं.

इस बीच, अधिकारियों ने निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ - साथ एक से 10 नवंबर के बीच ईंधन के रूप में कोयला और बायोमास के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. साथ ही, गाड़ियों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी करने पर भी विचार किया जा रहा है.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) ने सरकारी एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं जिनमें ‘हॉट स्पॉट’ (संवेदनशील क्षेत्रों) में गश्त में तेजी लाने के साथ ही प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को बर्दाश्त नहीं करने के लिए कहा है.

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के आदेश के बाद ये निर्देश जारी किए गए.

कैसे बच सकते है इस प्रदूषण से?

'सफर' ने एक स्वास्थ्य परामर्श जारी करते हुए प्रदूषण से बचने के लिए दिल्लीवासियों को केवल मास्क पर ही निर्भर रहने से मना किया है. इस दौरान लोगों को सुबह की सैर पर जाने के लिए भी मना किया जा रहा है..

सुझाव में कहा गया है, 'अगर कमरे में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद कर दें. इसके अलावा लकड़ी, मोमबत्ती और यहां तक कि अगरबत्ती भी जलाने से बचें.

इसके साथ ही लोगों को सुझाव दिया गया है कि घरों में समय-समय पर गीला पोंछा लगाते रहें और बाहर जाने पर N..95 या P..100 मास्क का इस्तेमाल करें.

गाजियाबाद में निर्माण कार्यों पर लगी रोक

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की जिलाधीश ने तत्काल प्रभाव से निर्माण गतिविधियां रोकने और वायु को प्रदूषित करने वाली इकाइयों को बंद करने का निर्देश दिया है.

ऋतु माहेश्वरी का आदेश निर्माण गतिविधियों के संबंध में 10 नवंबर तक और वायु प्रदूषित करने वाली इकाइयों के लिए 30 नवंबर तक लागू रहेगा.

उधर केंद्र सरकार ने भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सख्ती से पालन करने को कहा है इसके अलावा केवल ग्रीन पटाखों को ही बेचे जाने की बात की है.

दिल्ली सरकार ने भी जारी किए निर्देश

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर नजर बनाए रखने के दिल्ली सरकार गुरुवार से 44 संयुक्त टीमें तैनात करेगी.

दिल्ली परिवहन विभाग ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सड़कों पर पेट्रोल पर चलने वाली 15 साल से पुरानी गाड़ी और डीजल की 10 साल से पुरानी गाड़िया सड़कों पर देखी गईं तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा.

नहीं सुधरी हवा की क्वालिटी तो निजी गाड़ियों पर लगेगी रोक

लगातार बिगड़ती हवा की क्वालिटी को देखते हुए एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (EPCA) एक्शन में आ गया है. अथॉरिटी के चेयरमैन भूरे लाल ने मंगलवार को कहा, अगर हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता है तो दिल्ली में निजी गाड़ियों पर रोक लगा दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1 नवंबर से हमारा एक्शन रिस्पॉन्स प्लान लागू होगा. हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली की हवा में सुधार आएगा और स्थिति बदतर नहीं होगी. अगर हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं आया तो हम निजी वाहनों के चलने पर रोक लगा देंगे और केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए ही लोगों को आवागमन करना पड़ेगा.

WHO की रिपोर्ट- जहरीली हवा से 1 लाख बच्चों की मौत

इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएयओ) की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक 2016 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की जहरीली हवा के प्रभाव में आने से मौत हो गई. साथ ही, इसमें बताया गया कि निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) से होने वाले वायु प्रदूषण के शिकार हुए. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक WHO की रिपोर्ट मे ये भी बताया गया है कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 भारत के हैं.

वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को ‘बहुत ही चिंताजनक’ बताते हुए निर्देश दिया कि पेट्रोल से चलने वाले 15 साल पुराने और डीजल से चलने वाले 10 साल वाहनों की सूची सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और परिवहन विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाए.

(भाषा से इनपुट)