दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का स्तर बेहद नीचे गिर चुका है. 'एयर क्वालिटी इंडेक्स' के अंतर्गत यह 'बेहद ख़राब' (वेरी पूअर) के स्तर से गिरकर अब 'गंभीर' (सीवियर) के स्तर पर पहुंच गया है. दृश्यता के स्तर में भी गिरावट दर्ज की गई है. नमी से लैस प्रदूषकों (पॉल्यूटेंट्स) से पैदा हुई धुंध की चादर ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा कि हवा में नमी का बढ़ा हुआ स्तर स्थानीय स्रोतों से होने वाले उत्सर्जन से मिल गया है और हवा नहीं बहने के कारण इसने शहर को अपनी चपेट में ले लिया है. जानकारी के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर कई इलाकों में 400 से भी ज्यादा था जबकि राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक इसे 60 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तो यह 25 से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
हवा नहीं बहने से यह स्थिति
सीपीसीबी की वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा, ‘पूरी तरह शांत स्थिति और हवा के बिल्कुल नहीं बहने की वजह से ऐसी स्थिति हुई है.’ साहा ने कहा कि पड़ोसी राज्यों- पंजाब और हरियाणा से अभी शहर में हवा नहीं आ रही है. लेकिन जब दोनों राज्यों से हवा आनी शुरू होगी तो हालात और बिगड़ेंगे.
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा में धड़ल्ले से धान की पराली जलाई जा रही है.