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वायु प्रदूषण: एनजीटी ने दिल्ली में निर्माण, कचरा जलाने पर बैन लगाया

पीठ ने कहा इस तरह के संकट के समय मूकदर्शक बने प्राधिकारों और पक्षों की उपेक्षा से जीने का अधिकार जोखिम में पड़ गया है

Bhasha

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में वायु गुणवत्ता खराब होने पर दिल्ली सरकार और नगर निकायों को फटकार लगाते हुए  निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों तथा ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध के साथ कई निर्देश जारी किए.

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘अगले आदेश तक निर्माण गतिविधियां नहीं होगी. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों को भी 14 नवंबर तक चलने की अनुमति नहीं होगी.’


अधिकरण ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाले ट्रकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई है. साथ ही बाहर से या दिल्ली के भीतर गाड़ियों को निर्माण सामग्री ढोने की अनुमति नहीं होगी.

जीने के अधिकार पर सवाल खड़ा हो गया है, अधिकारी सो रहे हैं 

एनजीटी ने प्राधिकारों से कहा कि काम नहीं करने के लिए बैठकें करने, पत्र लिखने और जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने का बहाना नहीं बनाया जा सकता.

पीएम (सूक्ष्म कण) 10 और पीएम 2.5 की निर्धारित सीमा के उल्लंघन का उल्लेख करते हुए पीठ ने प्रदूषण फैलाने वाले निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर 14 नवंबर तक के लिए रोक लगा दी.

पीठ ने कहा, ‘आप (अधिकारी) अस्पताल जाइए और देखिए कि लोगों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं. आप लोगों की जान के साथ खेल रहे हैं. इस तरह के संकट के समय मूकदर्शक बने प्राधिकारों और पक्षों की उपेक्षा से जीने का अधिकार जोखिम में पड़ गया है.’

एनजीटी ने प्राधिकारों और नगर निकायों को ऐसी जगहों पर पानी का छिड़काव करने को कहा है जहां पर पीएम 10 की मात्रा प्रति घन मीटर 600 माइक्रोग्राम से अधिक पायी गई है.