वायुसेना प्रमुख ने रविवार को पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, भारत ‘अनसुलझे क्षेत्रीय विवादों’ और ‘प्रायोजित’ नॉन स्टेट तत्वों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है. धनोआ ने कहा कि हमारे पड़ोस में नए हथियारों, उपकरणों को शामिल किए जाने और आधुनिकीकरण की रफ्तार को लेकर चिंताएं हैं.
वायुसेना प्रमुख ने पीटीआई से कहा, वायुसेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पैदा होने वाले संभावित खतरों पर लगातार नजरें बनाए हुए है. वायुसेना हमारी सीमाओं पर संभावित खतरों की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है.
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में आधारभूत ढांचा विकास एक महत्वपूर्ण विषय है, हम वहां के घटनाक्रम पर पैनी नजर रखते हैं.
आईएएफ बीरेंद्र सिंह धनोआ ने कहा 'वर्तमान चुनौतियां अनसुलझे क्षेत्रीय मुद्दों की भी हैं. प्रायोजित गैर-राज्य कलाकार और अंतर्राष्ट्रीय अभिनेता जो वैश्विक हितों के माध्यम से राष्ट्रीय हितों के खिलाफ कार्य करते हैं. वायुसेना 24X7 किसी भी प्रकार की धमकी से निपटने के लिए तैयार है और अपनी पूरी सामग्री से दुश्मन को भी जवाब दे सकता है.'
वर्तमान में, आईएएफ में 42 स्क्वाड्रन की अधिकृत ताकत के नीचे लड़ाकू विमानों के कुल 32 स्क्वाड्रन हैं. वायुसेना इस समय फाइटर स्क्वाड्रोन की कमी से जूझ रहा है, चीफ ने कहा कि लड़ाकू स्क्वाड्रन को बढ़ाने की उनकी प्राथमिकता है.