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एम्स करेगा शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर 50 बूढ़ों की देखभाल

एम्स का जेरियाट्रिक विभाग और एनजीओ 'हेल्दी एजिंग इंडिया' ऐसे जरूरतमंद लोगों के पास तक नि:शुल्क दवाइयां पहुंचाएंगे

Bhasha

भारतीय आयुवर्ज्ञिान संस्थान (एम्स) एक एनजीओ के साथ मिलकर आर्थिक और शारीरिक रूप से कमजोर 50 बुजुर्ग लोगों की चिकित्सकीय देखभाल और इलाज की जिम्मेदारी लेगा और उन्हें विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा.

इन वरिष्ठ नागरिकों को उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के आधार पर विभिन्न वृद्धाश्रमों और समाज में रहने वाले उम्रदराज लोगों में से चुना जाएगा.


एम्स के डॉ प्रसून चटर्जी ने बताया कि कार्यक्रम के तहत एम्स का जेरियाट्रिक विभाग और एनजीओ 'हेल्दी एजिंग इंडिया' ऐसे जरूरतमंद लोगों के पास तक नि:शुल्क दवाइयां पहुंचाएंगे और आपात स्थिति में उन्हें संस्थान तक लाने ले जाने और उनके इलाज की सुविधा भी प्रदान करेंगे.

80 फीसदी बुजुर्गों को नहीं मिल रही है इलाज की सुविधा

एम्स के जेरियाट्रिक विभाग ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई वृद्धाश्रमों में किए अपने एक अध्ययन में पाया कि इन वृद्धाश्रमों में रहने वाले करीब 80 प्रतिशत बुजुर्गो को किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलती.

अध्ययन में 20 वृद्धाश्रमों में रहने वाले करीब 1200 लोगों से और समाज के करीब 4000 लोगों से सवाल-जवाब किए गए.

सर्वे के अनुसार अधिकतर बुजुर्ग डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कोरोनरी आर्टरी की समस्याओं समेत अनेक बीमारियों से ग्रस्त हैं. इन्हें लंबे समय तक दवाओं की और नियमित देखभाल की जरूरत है ताकि आगे होने वाली जटिलताओं को रोका जा सके.

डॉ चटर्जी के अनुसार सर्वे में देखा गया कि उम्रदराज लोगों में गिर जाने, कमजोरी, डिमेंशिया और अवसाद जैसी आयु संबंधी कई परेशानियां थीं जिनमें उनके रहने का माहौल और जीवनशैली बदलने के साथ चिकित्सकीय देखभाल की जरूरत है.

उन्होंने लोगों से भी स्थानीय जरूरतमंद लोगों की मदद करने को कहा.