view all

मोदी की ताकतवर बीजेपी को छका रहा है एक 24 साल का नौजवान!

हार्दिक पटेल की सफल रैलियों का कारण ये है कि पाटीदार समुदाय, खासकर नौजवान तथा मंझोली उम्र के पाटीदार उन पर भरोसा करते हैं

Darshan Desai

गुजरात में सूबे की पुलिस के एक और सीसीटीवी फुटेज लीक करने के साथ परेशान हाल भारतीय जनता पार्टी और फायरब्रांड पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के बीच एक-दूसरे को शह और मात देने की लड़ाई और ज्यादा संगीन हो गई है. सीसीटीवी फुटेज में हार्दिक पटेल एक लग्जरी होटल में घुसते दिख रहे हैं. कहा जा रहा है कि लग्जरी होटल में हार्दिक पटेल के घुसते वक्त वहां राहुल गांधी ठहरे हुए थे.

साथ ही, उत्तरी गुजरात की एक अदालत ने हार्दिक पटेल और एक अन्य पाटीदार संगठन सरदार पटेल ग्रुप के लालजी दल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. वारंट 2015 की जुलाई के एक मामले में जारी हुआ है. मामला विसनगर शहर में बीजेपी के मौजूदा विधायक के कार्यालय में कथित तोड़फोड़ का है.


गुजरात सरकार ने आनन-फानन में उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल के हाथों एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि इस मामले को 'सियासी रंग देना ठीक नहीं. यह कोर्ट का वारंट है, कोई पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया. सरकार का इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है.'

ये भी पढ़ें: 'माहौल' से लेकर ओपिनियन पोल तक सब बीजेपी की जीत का इशारा देते हैं

अब हालात का विरोधाभास भी बड़ा दिलचस्प है और किसी की नजर उसपर जाने से चूक नहीं सकती. जहां एक तरफ है एक 24 साल का नौजवान जो बीते चार दिनों से पूरे सूबे में लोगों की भीड़ भरी रैली कर रहा है तो दूसरी तरफ हैं सूबे के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जीतूभाई बघेला जो समाचारों में बने रहने के लिए एक-दूसरे से तकरीबन धक्का-मुक्की करते दिख रहे हैं और कह रहे हैं तो बस इतना कि, 'देखिए, यह जो हार्दिक पटेल है ना वो कांग्रेस का एजेंट है' या फिर इन नेताओं की अदा यह जताने की है तो 'हम कहते ना थे, वही हो रहा है जो हमने कहा था. '

गुजरात के सीएम विजय रूपानी

मंगलवार के रोज विजय रूपाणी मीडिया को बताते रहे कि, 'हम खुद कुछ नहीं कह रहे, ये तो आप लोग हैं जो दिखा रहे हैं कि हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी से भेंट की है.'

रूपाणी ने कहा, 'हार्दिक झूठ बोल रहे हैं. हम कुछ भी नहीं दिखा रहे. यह (विजुअल्स) तो आप दिखा रहे हैं. हम तो कब से कहते आ रहे हैं कि ये सब कांग्रेस के एजेंट हैं और विरोध-प्रदर्शन कांग्रेस ने भड़काया है, कांग्रेस ने ही इसके लिए उकसावा दिया है.'

ये भी पढ़ें: गुजरात विधानसभा चुनाव 2017: तारीख का ऐलान, शुरू हुआ शह-मात का खेल

इतना ही नहीं, रूपाणी के सहयोगी उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने तो यहां तक कह दिया कि हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद एयरपोर्ट के नजदीक बने होटल उम्मेद में जो पहले ताज ग्रुप के साथ था, राहुल गांधी से 55 मिनट तक मुलाकात की.

हार्दिक ने मंगलवार के रोज ट्वीट किया, 'मैंने राहुल गांधी जी से मुलाकात नहीं की लेकिन जब मैं उनसे मिलने जाऊंगा तो सारे देश को बताऊंगा. राहुल गांधी अगली बार गुजरात आएंगे तो हमारी भेंट होगी. भारतमाता की जय!'

हार्दिक ने बेशक यह माना कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने गुजरात मामलों के प्रभारी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी से मुलाकात की है.

पटेल ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया, 'बीजेपी पुलिस बल का इस्तेमाल करके लोगों के निजता के अधिकार में दखलंदाजी कर रही है.' हार्दिक का कहना था, 'एक बार वह वक्त भी आया जब उन्होंने एक महिला आर्किटेक्ट का शिकार फांसने के चारे की तरह इस्तेमाल किया, अपने वरिष्ठ नेता संजय जोशी का वीडियो लीक किया और अब उनकी पुलिस मेरे पीछे पड़ी है. आखिर उन्हें इतनी चिंता क्यों लगी है कि मैंने राहुल गांधी से मुलाकात की या नहीं? जब मुझे जरूरत होगी तो मैं राहुल जी से मिलूंगा और वैसे नहीं मिलूंगा जैसे कि नवाज शरीफ से मोदी जी मिले थे यानी आधी रात को.'

फ़र्स्टपोस्ट की खोजबीन से पता चला है कि सीसीटीवी फुटेज सूबे की अपराध शाखा और खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों ने मीडिया में लीक की थी लेकिन राज्य सरकार ने इस बात को सिरे से खारिज किया है.

फर्स्टपोस्ट के एक सवाल के जवाब में होटल उम्मेद के मुख्य सुरक्षा अधिकारी विक्रम सिंह शेखावत ने कहा, 'तकरीबन आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों ने जो इंस्पेक्टर लेवल के नहीं बल्कि इससे ऊंचे दर्जे के थे, सीसीटीवी का फुटेज मांगा था क्योंकि फुटेज का रिश्ता भारी सुरक्षा वाले वीआईपी से जुड़ा है. मैंने इसी वजह से उन्हें फुटेज दे दिए.'

ये भी पढ़ें: जब हार्दिक मेट राहुल : चुप-चुप क्यों हो जरूर कोई बात है?

एक और सवाल के बारे में शेखावत ने कहा, 'अफसरान स्थानीय पुलिस, अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) और खुफिया विभाग के थे. पांच-छह लोग थे. अगर वे कोई चीज मांगते हैं तो जाहिर है, हमें देना ही होगा.' फ़र्स्टपोस्ट ने शेखावत से पूछा कि क्या होटल आए अफसरान अपने साथ सूबे के होम डिपार्टमेंट का परमिशन लेटर लेकर आए थे तो शेखावत ने प्रतिरोध के अंदाज में हिंदी में सवाल दागा, 'आप मेरी जगह होते तो क्या करते?'

शेखावत ने स्पष्ट नहीं बताया कि पुलिस अधिकारियों के पास परमिशन लेटर था या नहीं. उनका जवाब था, 'जब उन लोगों (पुलिस अधिकारियों) ने फुटेज मांगा तो मैंने अपने मैनेजमेंट से संपर्क किया. मैनेजमेंट ने तमाम चीजें देखीं और मुझसे कहा कि फुटेज दे दो.'

फ़र्स्टपोस्ट ने ध्यान दिलाया कि- शेखावत जी, आपसे जो पूछा गया यह उसका उत्तर नहीं है, तो शेखावत ने जवाब दिया, 'सर, मैं आपको सिर्फ इतना भर बता सकता हूं कि जिन चीजों की जरूरत थी वह सब हमारे पास था.'

फ़र्स्टपोस्ट ने होटल उम्मेद के सुरक्षा अधिकारी शेखावत से जानना चाहा कि आखिर पुलिस को इस बात की कैसे जानकारी हुई कि अशोक गहलोत और कांग्रेस के अन्य नेता किस कमरे में रुके हैं और पुलिस ने कमरों को बेतरतीब करते हुए छान-बीन कैसे कर डाली? इस सवाल पर शेखावत ने कहा, 'ना, ना सर ! किसी कमरे की तलाशी नहीं हुई. मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं. वहां कोई नहीं जा सकता.' फ़र्स्टपोस्ट ने एक और सवाल पूछा कि हार्दिक किस रुम में गए थे तो शेखावत ने बताया, 'हार्दिक जी किसी रूम मे नहीं गए, वे हमारे साथ नहीं रहते.'

फर्स्टपोस्ट ने एडिशनल डायरेक्टर-जनरल पुलिस (इंटेलीजेंस) शिवानंद झा से संपर्क किया तो उनका तल्खी भरा जवाब मिला, 'क्या आप मीडियावाले आईबी-आईबी लगा रखे हो, खुफिया विभाग का इन बातों से कुछ भी लेना-देना नहीं है.' बाद में शिवानंद झा के दफ्तर से फ़र्स्टपोस्ट को एक प्रेस स्टेटमेंट हासिल हुआ. इसमें खुफिया विभाग की किसी भूमिका से इंकार करते हुए कहा गया था कि अशोक गहलोत का यह आरोप पूरी तरह गलत है कि कांग्रेस के नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.

ये भी पढ़ें: गुजरात चुनाव 2017: कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगा अल्पेश का साथ

स्थानीय गुजराती भाषा के टीवी चैनलों के सूत्रों का दावा है कि आदेश सूबे के होम डिपार्टमेंट से आया था और क्राइम ब्रांच के कुछ अफसरान ने सीधे अपने हाथों से फुटेज मीडिया तक पहुंचाया. मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री तो कह ही चुके हैं, 'मीडिया ने राहुल गांधी के साथ हार्दिक की गुपचुप मुलाकात का पर्दाफाश कर दिया है' लेकिन सूबे के गृहमंत्री प्रदीप जाडेजा से संपर्क कायम नहीं हुआ जो उनकी टिप्पणी ली जा सके, हालांकि फ़र्स्टपोस्ट ने उनसे संपर्क साधने की बार-बार कोशिश की. उनके दफ्तर के मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजा गया तो यह तरीका भी काम ना आया.

गुजरात के द्वारका में राहुल गांधी

इस सवाल पर कि ‘आखिर वे कांग्रेस के नेतृत्व से अपने मेल-मिलाप को लेकर इतनी पर्दादारी क्यों बरत रहे हैं’ हार्दिक पटेल के एक करीबी सूत्र ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, 'आंदोलन हमने खड़ा किया और बड़ी मेहनत लगाई, संदेश यह नहीं जाना चाहिए कि आंदोलन कांग्रेस ने खड़ा किया और हमें समर्थन दिया. अगर कांग्रेस पार्टी ऐसा कर सकती तो हाल के सालों में उसकी ऐसी दुर्दशा ना होती.'

हार्दिक के करीबी सूत्र का कहना था, 'ऐसे वक्त में हम नहीं चाहते कि लोगों के बीच एक गलत संदेश जाए कि हमारा अपना भी कोई स्वार्थ है. हार्दिक अगर कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे तो बस इसलिए कि उन्हें ऐसा करने की जरुरत नहीं है और इसी कारण वे ताकतवर भी हैं. सियासी बढ़वार के एतबार से देखें तो अभी उम्र हमारे पक्ष में नहीं है. हम सब अभी बीस-पच्चीस की उम्र के हैं, सो ऐसी कोई हड़बड़ी भी नहीं है.'

सूत्र ने कहा कि बीते चार दिनों में हार्दिक ने जो रैलियां की हैं वो कामयाब रही हैं. बीते दो सालों की पिछली रैलियां भी सफल रहीं और इसकी बड़ी वजह है कि पाटीदार समुदाय, खासकर नौजवान तथा मंझोली उम्र के पाटीदार हार्दिक पर भरोसा करते हैं.