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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के लिए बनेंगे शौचालय

टीडीबी ने अब तक महिलाओं के लिए सन्निधनम में 7 शौचालयों की व्यवस्था की है जबकि पुरुषों के लिए 20 शौचालयों की व्यवस्था हुई है

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के माध्यम से केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ कर दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा था कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश से रोकना लैंगिक आधार पर भेदभाव है और यह परिपाटी हिंदू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. चीफ जस्टिस ने कहा कि धर्म मूलत: जीवन शैली है जो जिंदगी को ईश्वर से मिलाती है. वहीं आज रविवार को ए पद्मकुमार ने ऐलान किया कि मंदिर परिसर में जल्द ही महिलाओं के लिए शौचालय बनाए जाएंगे.

पद्मकुमार ने बताया कि सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति मिलते ही अब एक बार फिर केरल के सीएम के साथ चर्चा हुई है. जल्द ही निलाक्कल में शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. आपको बता दें कि इस महीने के शुरुआत में ही टीडीबी ने फैसला किया था कि दो महीने तक चलने वाले मंडलम-मकराविलाक्कु तीर्थ यात्रा के दौरान निलाक्कल को सबरीमाला का बेस कैंप बनाया जाएगा.


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टीडीबी ने अब तक महिलाओं के लिए सन्निधनम (सबरीमाला से 6.5 किलोमीटर दूर) में 7 शौचालयों की व्यवस्था की है जबकि पुरुषों के लिए 20 शौचालयों की व्यवस्था हुई है. इस तीर्थ यात्रा पर जाने वाली महिलाएं ज्यादातर 60 की उम्र से अधिक की होती हैं. ऐसे में उनका शौचालयों तक अकेले जाना खतरे से भरा होता है. पद्मकुमार ने बताया कि 3 अक्टूबर को टीडीबी रिव्यब पेटीशन फाइल करने पर फैसला करेगी.