रीगल के बाद दिल्ली में एक और सिनेमाघर का 'द एंड' हो गया है. फिल्म ‘बाहुबली - 2’ के प्रदर्शन का अधिकार नहीं मिलने के बाद लगातार घाटे में चल रहा ऐतिहासिक शीला सिनेमा बंद हो गया है.
कनॉट प्लेस स्थित रीगल सिनेमा के बंद होने के लगभग महीने भर बाद शीला सिनेमा भी बंद हो गया. 56 साल के अपने सफर में कई फिल्मों का गवाह रहने के बाद शीला सिनेमा ने बीते शुक्रवार को अपना पर्दा हमेशा के लिए गिरा दिया.
गहरे आर्थिक घाटे में चल रहा था सिनेमाघर
सिंगल स्क्रीन शीला सिनेमाघर गहरे आर्थिक घाटे में चल रहा था. शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म ‘बाहुबली - 2’ के प्रदर्शन का अधिकार नहीं मिलने पर यह नुकसान कई गुना बढ़ गया.
शीला सिनेमा के मालिक उदय कौशिक ने शनिवार को पीटीआई को बताया, ‘हम कल से बंद हो गए. हम नुकसान में चल रहे थे और सिनेमाघर का रख-रखाव करना हमारे लिए मुश्किल साबित हो रहा था.’
कौशिक ने कहा कि बंद होना तो तय था लेकिन ‘बाहुबली - 2’ सिनेमाघर को एक नया जीवन दे सकता था.
पहाड़गंज स्थित इस ऐतिहासिक सिनेमाघर की स्थापना जनवरी 1961 में हुई थी. यह उन 65 थियेटरों में शामिल है जो ‘बाहुबली - 2’ के प्रदर्शन का अधिकार पाने में नाकाम रहे हैं.
सिंगल स्क्रीन से मल्टीप्लेस में बदलना चाहते हैं
कौशिक ने कहा, ‘अगर हमने इस फिल्म का प्रदर्शन किया होता तो हम कुछ राजस्व कमा पाने में सफल रहते लेकिन यह भी कोई बड़ा कारण नहीं था. असल सवाल यह था कि हम कब बंद हों.’
उन्होंने बताया कि इसने जिस आखिरी फिल्म का प्रदर्शन किया वह ‘फेट ऑफ द फ्यूरियस’ थी, जो अच्छी चली.
Iconic #ShielaCinema is the latest #singlescreen theatre to shut down in Delhi after #Regal.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 29, 2017
उन्होंने बताया कि वह शीला को मल्टीप्लेक्स में बदलने की आशा करते हैं. शहर में सिंगल स्क्रीन वाले कई सिनेमाघर अब मल्टीपल स्क्रीन के साथ चल रहे हैं. जिनमें प्लाजा, संगम, सत्यम और रिवोली शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम शीला को एक मल्टीप्लेक्स में बदलना चाहते हैं. निश्चित रूप से यह एक विकल्प है लेकिन इसके लिए हमें कुछ वक्त लगेगा. हमारी योजना कम से कम 10 स्क्रीन की है.'
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मोशन पिक्चर के कोषाध्यक्ष और फिल्म वितरक जोगिंदर महाजन ने कहा कि 'शीला सिनेमाघर के बंद होने की कई वजह हैं जैसे कि संपत्ति कर, अधिक मनोरंजन कर और फिल्मों की पायरेसी यानी नकली डीवीडी.'
गौरतलब है कि दिल्ली और यूपी में पिछले एक दशक में करीब 50 सिनेमाघर बंद हो गए हैं. अपने जमाने का मशहूर गोलचा सिनेमा भी बंद हो चुका है. इसके भी मल्टीप्लेक्स में बदलने की अटकलें हैं.