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मुंबई के बाद अब दिल्ली पहुंचा किसान आंदोलन

किसानों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो उसे 2019 के चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा

FP Staff

महाराष्ट्र के बाद किसान आंदोलन की धमक देश की राजधानी दिल्ली में पहुंच गई है. भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने महापंचात बुलाई है. इन किसानों का कहना है कि हम सभी कर्ज में डूबे हैं और हर दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं. हम यहां सरकार से यह मांग करने आए हैं कि स्वामीनाथन कमिटी की सिफारिशों को लागू किया जाए और किसानों के कर्ज को माफ किया जाए. किसानों ने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसे 2019 के चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

बीकेयू का मानना है कि किसान लगातार समस्याओं में फंसता जा रहा है. सरकार वादे तो करती है, लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती. किसान की बदतर स्थिति पर सरकार मौन है. स्वामीनाथन कमिटी की सिफारिशों में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही गई थी, लेकिन कोई प्लान नहीं है. फसलों के दाम नहीं मिल रहे, गन्ना खेतों में खड़ा है, लेकिन चीनी मिल लेने को तैयार नहीं हैं.

बीकेयू ने वसूली के नाम पर बिजली निगम पर किसानों का लगातार उत्पीड़न करने का आरोप भी लगाया. साथ ही यह भी कहा कि हाल में ही दाम में गिरावट के कारण आलू की फसल को सड़कों पर फेंकना पड़ा है. गन्ने का पूरा भुगतान भी किसानों को नहीं मिल रहा.