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कोर्ट ने हाथ जोड़े मनोज तिवारी से कहा-आपको ही दिल्ली का सीलिंग ऑफिसर बना देते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के उस बयान पर पूछा कि उन जगहों की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट को दें, जहां पर सीलिंग का ताला लगना चाहिए. हम आपको अब सीलिंग अफसर ही बना देते हैं.

Ravishankar Singh

दिल्ली बीजपी के प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी सीलिंग का ताला तोड़े जाने पर मुश्किलों में फंस गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के गोकलपुर इलाके में सीलिंग का ताला तोड़ने पर मनोज तिवारी को एक हफ्ते में जवाब देने को कहा है. इस मामले में मनोज तिवारी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हुए. मामले की अगली सुनवाई अब 3 अक्टूबर को होने वाली है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मनोज तिवारी को अवमानना का नोटिस पहले ही जारी कर रखा है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के उस बयान पर नाराजगी जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि हजारों जगह ऐसी हैं जहां पर सीलिंग का ताला लगना चाहिए, लेकिन पिक एंड चूज नीति के तहत कुछ घरों को टारगेट किया जा रहा है.


सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के उस बयान पर पूछा कि उन जगहों की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट को दें, जहां पर सीलिंग का ताला लगना चाहिए. हम आपको अब सीलिंग अफसर ही बना देते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी से कहा, मिस्टर तिवारी हमने आपके भाषण की सीडी सुनी है. आप अपने भाषण में कह रहे हैं कि एक हजार जगहों पर सीलिंग होनी चाहिए. आप बताइए कि वह कौन-कौन सी जगह है? आपको कानून अपने हाथ में लेने का हक किसने दिया? आप कानून हाथ में नहीं ले सकते हैं? इस दौरान कोर्ट में मनोज तिवारी हाथ जोड़ कर खड़े रहे.

सुप्रीम कोर्ट के लिस्ट मांगने पर मनोज तिवारी के वकील विकास सिंह ने कोर्ट से अपील की कि तिवारी एक सांसद हैं और उनका यह संसदीय क्षेत्र है इसलिए इनको कुछ छूट दी जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि सांसद होने पर कुछ भी बोल देंगे? कानून अपने हाथ में ले लेंगे?

बता दें कि इस मामले में ईस्ट एमसीडी सीधी पार्टी नहीं है, लेकिन थर्ड पार्टी के रूप में उसके वकील भी कोर्ट में मौजूद थे. गोकलपुरी इलाके में सीलिंग का ताला तोड़े जाने पर मनोज तिवारी के खिलाफ एमसीडी ने ही एफआईआर दर्ज कराई है. एमसीडी का कहना है कि जिस घर में सीलिंग का ताला लगाया था उस घर में डेरी चलती थी, जबकि इस इलाके के सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि पिक एंड चूज नीति की तहत उस घर में सीलिंग का ताला लगाया गया.

बीते 16 सितंबर को अपने संसदीय क्षेत्र के एक मकान की सीलिंग का ताला तोड़ते तिवारी का वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल हुआ था. मनोज तिवारी द्वारा यमुनापार में एक प्रॉपर्टी की सील तोड़े जाने पर सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी नाराज हो गई थी. मॉनिटरिंग कमेटी का साफ कहना था कि सील तोड़ना कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की श्रेणी में आता है. इस तरह का काम अगर राजनेता करते हैं तो वह और भी बड़ा मामला बन जाता है.

मनोज तिवारी द्वारा सीलिंग का ताला तोड़े जाने पर आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘ये खुद ही सुबह सीलिंग करते हैं और शाम को ताला तोड़ देते हैं. इन्हें क्या लगता है कि दिल्ली की जनता बेवकूफ है. नोटबंदी, जीएसटी और अब सीलिंग कर बीजेपी ने पूरी दिल्ली को बर्बाद कर दिया है.

जबकि, 16 सितंबर को सीलिंग का ताला तोड़ने पर मनोज तिवारी ने कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे कि जिस मकान में सीलिंग का ताला तोड़ी उसमें सीलिंग लगना सही नहीं था. मॉनिटरिंग कमेटी की आड़ में एमसीडी अधिकारी पिक एंड चूज नीति पर काम कर रहे हैं. मनोज तिवारी ने उस समय कहा था कि एक सांसद होने के नाते उनका कर्तव्य है कि वह कानून की रक्षा करें.

बता दें कि दिल्ली में सीलिंग की मार से व्यापारी वर्ग पिछले 10 से भी ज्यादा महीने से परेशान चल रहा है. पिछले 10-12 महीनों में सीलिंग के मुद्दे पर चार बार दिल्ली बंद भी बुलाया गया. सीलिंग के मुद्दे पर नेताओं के लगातार बयान भी आए, लेकिन नतीजा सुधरने के बजाए और बिगड़ने ही लगा. दिल्ली के एक इलाके से दूसरे इलाके में सीलिंग का खौफ व्यापारियों के सिर चढ़ कर बोल रहा है.