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कश्मीर का सबसे तेजी से बढ़ता आतंकी संगठन है लश्कर-ए-तैयबा

एलटीई के पास इस समय हिजबुल के बाद दूसरा सबसे बड़ा कैडर है

Ishfaq Naseem

लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के टॉप कमांडर जकीउर रहमान लखवी के भतीजे ओवैद समेत छह आतंकियों को मार गिराने को सुरक्षा बल एक बड़ी सफलता बता रहे हैं. लेकिन, एलईटी अभी भी एक खतरनाक संगठन बना हुआ है और कश्मीर में अभी भी इसके 60 से ज्यादा आतंकी मौजूद हैं. एलईटी में स्थानीय और विदेशी दोनों तरह के आतंकी शामिल हैं और यह कश्मीर घाटी का सबसे दुर्दांत आतंकी संगठन है. एलईटी में 70 फीसदी विदेशी और 30 फीसदी स्थानीय आतंकी हैं.

दूसरे नंबर पर है एलईटी का काडर


कश्मीर रेंज के आईजी पुलिस मुनीर अहमद खान ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि आतंकी संगठनों में हिज्बुल मुजाहिदीन का सबसे बड़ा काडर है और इसके बाद एलईटी का नंबर आता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सक्रिय करीब 200 आतंकियों में से 120 हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए हैं, जबकि बकाया जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) समेत अन्य संगठनों से जुड़े हुए हैं.

सीमा पार से लगातार हो रही घुसपैठ और स्थानीय स्तर पर रिक्रूटमेंट के चलते एलईटी कश्मीर का दूसरा सबसे बड़ा आतंकी संगठन बना हुआ है. हिज्बुल मुजाहिदीन में 95 फीसदी आतंकी स्थानीय हैं, जबकि 5 फीसदी विदेशी लोग हैं.

सुरक्षा बलों को चमका देने में महारथ

सुरक्षा बलों के मुताबिक, हिज्बुल मुजाहिदीन में ऐसे आतंकी भी शामिल हैं जो कि एक साल से कम वक्त से सक्रिय हैं और जिन्हें अच्छी तरह से ट्रेनिंग हासिल नहीं है. दूसरी ओर, एलईटी को कश्मीर का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन माना जाता है. जेईएम को फिदायीन हमलों के लिए जाना जाता है, जबकि एलईटी के आतंकी ज्यादा लंबे वक्त तक जिंदा रहते हैं और वे मुठभेड़ स्थलों से सुरक्षा बलों को चकमा देने में कामयाब रहते हैं.

एलईटी का अबू दुजाना, जो कि बाद में जाकिर मूसा के अंसार गजवातुल हिंद से जुड़ गया था, और अबू इस्माइल दोनों ही कई आतंकी हमलों में शामिल थे. इस्माइल और दुजाना की वजह से सुरक्षा बलों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था. इन्होंने सुरक्षा बलों के कैंपों पर हमले किए और जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर जाने वाले सुरक्षा बलों के काफिलों पर भी अटैक किए. इस्माइल दिल्ली पब्लिक स्कूल के बाहर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर हुए हमले का जिम्मेदार था जिसमें एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और एक कॉन्सटेबल शहीद हो गए थे और तीन जवान घायल हुए थे.

युवाओं को आतंकी संगठनों से जुड़ने से रोकना बड़ी चुनौती

जिस आसानी से आतंकी अपने साथ जुड़ने के लिए युवाओं से संपर्क कर रहे हैं वह सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. इसके अलावा, सीमा पार से हो रही घुसपैठ से भी सक्रिय आतंकियों की संख्या सिमट कर शून्य पर नहीं आ पा रही है.

गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जम्मू और कश्मीर राज्य में जारी आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल दोनों जगहों पर सीमा पार से हो रही घुसपैठ से बड़े तौर पर जुड़ा हुआ है.’ गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 2013 में 277, 2014 में 222, 2015 में 121 और 2016 में 364 घुसपैठ की कोशिशें दर्ज की गईं. इस दौरान घुसपैठ की क्रमशः 97, 65, 33 और 112 घटनाएं सामने आईं. इस साल अगस्त तक घुसपैठ की 285 कोशिशें हुई हैं. आर्मी की सुरक्षा वाले इलाकों में 228 युद्धविराम उल्लंघन हुए हैं, जबकि बीएसएफ की निगरानी वाले इलाकों इस तरह की घटनाओं की संख्या 221 रही है. इस साल सितंबर तक कम से कम 75 आतंकी सीमा पार कर देश में घुसने में सफल रहे हैं.

एलईटी के पास कमांडरों की कमी नहीं

एक वरिष्ठ सुरक्षा बल अफसर ने कहा कि एलईटी के पास ऐसे कमांडर हैं जो कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में संगठन की अगुवाई कर रहे हैं. ये अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं. शनिवार को हुई मुठभेड़ में ओवैद के साथ ही बांदीपुरा का एलईटी कमांडर महमूद भाई भी मारा गया. उन्होंने कहा, ‘एलईटी के पास ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो कि कमांडर के तौर पर मरने वाले आतंकी की जगह ले सकें.’

सुरक्षा बलों ने ऐसे ढेर किए 6 आतंकी

पुलिस अफसरों का कहना है कि उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा के हाजिन इलाके में एक घर के बाहर मारे गए छह आतंकी एक बैठक की योजना बना रहे थे, तभी सुरक्षा बलों ने उन्हें घेर लिया. एक पुलिस अफसर ने कहा, ‘मीटिंग कश्मीर में आतंकवाद और कुछ और हमले करने की योजना बनाने को लेकर थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने सटीक सूचना के आधार पर कार्रवाई की और इन्हें ढेर कर दिया. आतंकी घर के बाहर आए और गोलियां चलाईं. गोलीबारी दोपहर में करीब आधे घंटे तक चली.’

उन्होंने बताया कि हाजिन इलाके में आतंकियों को अक्सर देखा जाता था और इस इलाके में अभी भी चार से पांच विदेशी आतंकी सक्रिय हैं. नॉर्थ कश्मीर रेंज के डीआईजी पुलिस विधी कुमार बिर्दी ने कहा, ‘एक तेज ऑपरेशन के जरिए हम आतंकियों को घेरने में सफल रहे. हाजिन में कुछ और आतंकी अभी भी सक्रिय हैं और हम जल्द ही उन्हें भी ढेर करने में सफल होंगे.’