उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सैफुल्लाह शूटआउट से सुर्खियों में आए एटीएस के आईजी असीम अरुण अब विवादों में घिरते दिख रहे हैं. असीम पर उनकी ही टीम के एक दरोगा ने उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है. हाल ही में एटीएस के दफ्तर में खुदखुशी करने वाले एसपी राजेश साहनी की आत्महत्या के पीछे भी आईजी असीम सहित दूसरे अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
असीम ने बनाई थी कमांडो टीम स्वॉट
यूपी में स्वॉट टीम आईजी असीम अरुण ने बनाई थी. दावा किया जाता है कि स्वॉट देश की पहली जिलास्तर की स्पेशल वेपन्स एंड टेक्टिक्स (SWAT) टीम है. स्वॉट टीम आतंकी और जोखिमपूर्ण मिशन को अंजाम देने वाली खास हथियारों से लैस विशेष कमांडो टीम है. यही नहीं आगरा में डीआईजी के पद पर रहते हुए असीम अरुण ने इस टीम को विस्तार भी दिया और वहां भी स्वॉट टीम का गठन किया.
ऐसे हुई थी असीम के पुलिस करियर की शुरुआत
असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण देश के जाने माने पुलिस अफसर थे. तो उन्हें भी पिता से प्रेरणा मिली. उन्होंने भी पुलिस में करियर बनाने का फैसला किया. मेहनत और लगन से तैयारी का नतीजा ये निकला कि 90 के दशक में उनका चयन भी भारतीय पुलिस सेवा के लिए हो गया. असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं.
उत्तराखण्ड के कई जिलों की भी कमान संभाल चुके हैं असीम
भारतीय पुलिस सेवा में आने के बाद असीम अरुण यूपी के कई जिलों में तैनात रहे. उन्होंने टिहरी गढ़वाल (अब उत्तराखंड में) के अलावा यूपी के जनपद बलरामपुर, हाथरस, सिद्धार्थ नगर, अलीगढ़, गोरखपुर और आगरा में बतौर पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक अपनी सेवाएं दी. इसके बाद वे कुछ समय के लिए स्टडी लीव पर विदेश चले गए थे. लेकिन लौटकर आने के बाद उन्होंने एटीएस लखनऊ में कार्यभार संभाला. उन्हें वाराणसी जोन का आईजी बनाया गया था. मगर अचानक उनका ट्रांसफर रद्द कर लिया गया था. तभी से वे आईजी एटीएस के पद पर बने हुए हैं.
एक नजर में आईजी असीम
- 3 अक्टूबर 1970 को यूपी के बदायूं में जन्म हुआ. 10वीं-12वीं की पढ़ाई लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से की. इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से बीएससी किया.
- अरुण 1994 बैच के IPS अफसर हैं.
- पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सुरक्षा के अंदरूनी घेरे की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
- इन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, मानेसर से पुलिस कमांडो कोर्स किया है.
एसपीजी, एनएसजी और सीबीआई को दे चुके हैं सेवाएं
असीम अरुण देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुरक्षा दल में शामिल रह चुके हैं. वे एसपीजी में प्रधानमंत्री के अंदरूनी घेरे की सुरक्षा यानी क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम (CPT) का नेतृत्व कर चुके हैं. उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए ही उन्हें एनएसजी मानेसर सहित सीबीआई की साइबर अपराध विवेचना अकादमी गाजियाबाद में भी सेवाएं देने का मौका मिला.
(न्यूज 18 के लिए नासिर हुसैन की रिपोर्ट)