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आतंकियों को सेना का संदेश साफ है, अबु दुजाना गया अभी और जाएंगे

सेना ने साफ किया है कि देशविरोधी गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

Arun Tiwari

इस साल फरवरी में वरिष्ठ पत्रकार मिन्हाज मर्चेंट ने एक लेख में कहा था कि 2017 की गर्मियां कश्मीर के लिए ऐतिहासिक रूप से भयावह हो सकती हैं. इसके पीछे उन्होंने ये तर्क भी दिया था कि जनरल बिपिन रावत के इरादे साफ दिखाई दे रहे हैं. जनरल लोगों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार के जरिए कश्मीरी मुश्किलों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ये भी साफ है कि अगर देश विरोधी गतिविधियां हुईं तो इस बार सेना माफ भी नहीं करने वाली.

मिन्हाज की ये बातें सही होती दिख रही हैं. बीते कुछ महीनों के दौरान कश्मीर में सेना ने एक के बाद आतंकी कमांडरों को मार गिराया है. बीते साल आतंकी कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में सेना ने अति सतर्कता बरतते हुए पूरी कोशिश की है कि आतंकियों को सिर न उठाने दिया जाए. अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब सेना ने घाटी के और कुख्यात आतंकी सब्जार भट को मार गिराया था. बुरहान वानी के बाद सब्जार भी आतंक के पोस्टर ब्वाय के रूप में कुख्यात हो रहा था.


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने इस साल अब तक घाटी में 92 आतंकियों को मार कर आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी है. आतंकी संगठनों पर सेना की कठोर कार्रवाई की वजह से पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ में भी कमी आई है. कई रिपोर्टों में यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकी कश्मीर में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसों की तंगी से भी जूझ रहे हैं.

इसका अंदाजा दो दिन पहले यहां हुई बैंक डकैती की घटना से भी लगाया जा सकता है. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में नकाब पहने आतंकियों ने पांच लाख रुपए की बैंक डकैती की. घटना के बाद पुलिस ने शक जाहिर किया ये आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन के हो सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं अगर हम बीते कुछ महीनों के दौरान कश्मीर से आ रही खबरों पर नजर दौड़ाएंगे तो पाएंगे कि बैंक डकैती और लूट की घटनाओं में तेजी आई है.

करीब दो महीने पहले कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि बैंक कर्मियों पर हमले बेहद दुखद हैं. उन्होंने राज्य के भटके हुए युवाओं से अपील की थी कि वो सरकारी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं. उन्होंने ये भी कहा था कि बैंककर्मी हमारे और आपके लिए दिन रात काम करते हैं. इन कर्मचारियों के लिए भय का माहौल न बनाया जाए.

लेकिन राज्य की सीएम का कोई बहुत ज्यादा असर होता नहीं दिखा. हां ये बात है कि सेना अपनी कार्रवाई को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है. जनरल बिपिन रावत ने साल की शुरुआत में ही बयान दिया था कि जो कश्मीरी युवा पाकिस्तान या आईएस का झंडा फहरा रहे हैं उन्हें एंटी नेशनल के तौर पर देखा जाएगा. जो लोग भी आतंकी गतिविधियों को समर्थन देते हैं उनके पास मुख्यधारा में शामिल होने का मौका है. अगर वो अपनी हरकतें जारी रखेंगे तो सेनाएं उन पर कड़ी कार्रवाई करेंगी.

सेना की आतंकियों पर हालिया कार्रवाई बता रही है कि जनरल बिपिन रावत राज्य में किसी भी राष्ट्रद्रोही गतिविधियां न होने देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

सेना की आक्रामकता की उस वीडियो से भी अंदाजा लगाया जा सकता है जब मेजर गोगोई ने एक कश्मीरी नागरिक को जीप के सामने बांध दिया था. बाद में मेजर गोगोई ने भी इसे लेकर सफाई दी थी. इस वीडियो की राष्ट्रीय मीडिया में काफी आलोचना हुई थी. लेकिन इन सब से इतर सेना घाटी में आतंकियों के मंसूबों को बुरी तरह ध्वस्त करने में लगी हुई है.

एक के बाद एक मारे जा रहे आतंकियों से आतंक की कमर तोड़ने की कोशिश जारी है तो वहीं दूसरी तरफ आम लोगों से भी यह अपील जारी है कि वो भारतीय सेनाओं का साथ दें. राज्य में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को समाप्त करने में भारतीय सेना की मदद करें.

हालिया कार्रवाइयों ने ये साफ कर दिया है कि बुरहान वानी, सब्जार भट और अबु दुजाना जैसे आतंकी आखिरी नहीं हैं जिन्हें मारा गया है. संदेश साफ है कि अगर कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंक का कोई भी चेहरा होगा वो ज्यादा दिनों तक अपनी गतिविधियां जारी नहीं रख पाएगा.