view all

फिर खुलेगा आरुषी-हेमराज मर्डर केस, SC में हेमराज की पत्नी की याचिका मंजूर

सुप्रीम कोर्ट ने राजेश और नुपुर तलवार को जमानत दिए जाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका स्वीकार कर ली है

FP Staff

आरुषि हत्याकांड मामले में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने राजेश और नुपूर तलवार को जमानत दिए जाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका स्वीकार कर ली है. ये याचिक हेमराज की पत्नी ने दायर की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 के बहुचर्चित आरूषि- हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति को नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने इस हत्याकांड में मारे गए घरेलू सेवक हेमराज की पत्नी की अपील पर ये नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे की अपील पर राजेश तलवार और नुपूर तलवार को नोटिस जारी किए.


आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपत्ति को पिछले साल 12 अक्टूबर को जमानत दे दी थी. कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए हेमराज की पत्नी ने पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हेमराज की पत्नी ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया है और कहा है कि हाईकोर्ट ने इसे हत्या तो माना है पर किसी को दोषी नहीं ठहराया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने आरुषी-हेमराज की हत्या के मामले में तलवार दंपति को 26 नवंबर, 2013 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसके बाद इस फैसले को तलवार दंपत्ति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सीबीआई की दलीलों से कोर्ट संतुष्ट नहीं था.

कोर्ट ने कहा था कि उन्हें दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. जिसके बाद राजेश तलवार और नुपूर तलवार को कोर्ट ने अक्टूबर, 2017 में बरी कर दिया था. आरुषि व हेमराज की हत्या 15 मई 2008 की रात नोएडा के सेक्टर-25 जलवायु विहार स्थित घर में हुई थी. 16 मई की सुबह आरुषि का खून से लथपथ शव उसके कमरे में बिस्तर पर पड़ा मिला था. तलवार दंपति ने इस हत्या का आरोप अपने नौकर हेमराज पर लगाया था. केस में 17 मई की सुबह तब नया मोड़ आ गया, जब हेमराज का भी खून से लथपथ शव तलवार दंपति के फ्लैट की छत से बरामद हुआ.

हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. 1 जून को इस केस की जांच सीबीआई को स्थानांतरित हो गई. 9 फरवरी को सीबीआई ने तलवार दंपति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया. सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तब से तलवार दंपति जेल में बंद थे. इसी साल के अक्टूबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण दोनों को बरी कर दिया था.