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विकास के नाम पर पेड़ों को काटने की साजिश में बीजेपी और कांग्रेस शामिल: AAP

आप ने बताया कि मोदी सरकार जिस पुनर्विकास योजना को अंजाम दे रही है, उस योजना का खाका असल में कांग्रेस द्वारा पेश किया गया था

Bhasha

आम आदमी पार्टी ने दक्षिणी दिल्ली की 7 कालोनियों के पुनर्विकास की योजना को पर्यावरण के खिलाफ साजिश बताते हुये इसमें बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के शामिल होने का आरोप लगाया है.

आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज संवाददाताओं को बताया कि मोदी सरकार जिस पुनर्विकास योजना को अंजाम दे रही है, उस योजना का खाका असल में कांग्रेस द्वारा पेश किया गया था. भारद्वाज ने कहा कि इस अहम मुद्दे से कांग्रेस ने खुद को शुरू से अलग थलग रखा हुआ है. इसकी वजह यह थी कि इस परियोजना को मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और तत्कालीन केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री अजय माकन ने हरी झंडी दिखाई थी. साथ ही माकन ने परियोजना को मंजूरी देने के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को भी कोई जानकारी नहीं दी.


भारद्वाज ने कहा कि इस परियोजना की आधारशिला साल 2006 में माकन की देखरेख में रखी गई थी. मई 2006 में राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) द्वारा इस परियोजना से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की रिपोर्ट के हवाले से सौरभ भरद्वाज ने कहा कि यह रिपोर्ट माकन के कार्यकाल में ही पेश की गयी थी.

भारद्वाज ने कहा, 'इस परियोजना को साल 2014 में दो अलग अलग याचिकाओं के माध्यम से अदालत में चुनौती दी गयी. याचिकाकर्ता राजीव सूरी ने एनजीटी में

पहली याचिका और दूसरी याचिका बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी के वकील पति अमन लेखी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश की थी.' उन्होंने बताया कि इस परियोजना को साल 2012 में माकन की देखरेख में मंजूरी दी जा चुकी है. एनजीटी ने इस दलील के आधार पर ही इस प्रकरण में कोई फैसला देने से इंकार कर दिया था.

भारद्वाज ने कहा कि इस परियोजना में सिर्फ एक मंजूरी दिल्ली सरकार ने अप्रैल 2014 में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के दौरान तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग

द्वारा दी गई थी. उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि यह परियोजना कांग्रेस और बीजेपी का साझा उपक्रम है.