सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 31 मार्च के बाद बीएस 3 गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक लग गई थी, लेकिन 31 मार्च से पहले कंपनियों ने बीएस 3 गाड़ियों पर भारी छूट दी थी, लेकिन कुछ लोग इन गाड़ियों का पंजीकरण करवाने से चूक गए थे.
मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिक दी गई है जिसमें बचे हुए बीएस 3 वाहनों के पंजीकरण का आग्रह किया गया है. कुछ अहम वजहों से ये लोग वाहनों का पंजीकरण नहीं करवा पाए थे. पंजीकरण नहीं होने के कारण ऐसे वाहनों को रोड पर नहीं चलाया जा सकता है.
जस्टिस के. रविचंद्रबाबू ने तमिलनाडु के परिवहन विभाग को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा. याचिका वेल्लूर जिले के कटपाडी गांव के एक निवासी ने दायर की है जो शुक्रवार को सुनवाई के लिए आई.
याचिकाकर्ता ने 31 मार्च को गाड़ी खरीदी थी
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने 31 मार्च को बीएस 3 कार खरीदी थी और उसी तारीख को बीमा कवर ले लिया था, लेकिन गाड़ी का पंजीकरण नहीं हुआ.
जस्टिस चोलमंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया.
मामले की अगली सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद होगी. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शांति ने कहा कि याचिकाकर्ता और हजारों अन्य लोगों ने बीएस 3 गाड़ी खरीदे थे और 31 मार्च की समयसीमा से पहले बीमा करा लिया था.
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई समयसीमा से पहले खरीदे गए वाहनों के पंजीकरण के लिए बाध्य थे, लेकिन उन्होंने पंजीकरण करने से इंकार कर दिया.
वकील ने कहा कि केरल हाईकोर्ट ने 31 मार्च को या इससे पहले खरीदे गए वाहनों और इस अवधि में बीमा प्रमाणपत्र हासिल करने वाहनों के पंजीकरण का आदेश दिया था.