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मुंबई के एक शख्स के पास है दो लाख करोड़ का काला धन ?

मुंबई के एक शख्स ने अपने पास दो लाख करोड़ रुपये का काला धन होने का दावा किया

FP Staff

गुजरात के कारोबारी महेश शाह के 13860 करोड़ रुपये के काले धन के खुलासे के बाद अब मुंबई के एक शख्स ने इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) के तहत दो लाख करोड़ रुपए के काले धन का खुलासा किया है.

लेकिन आयकर विभाग ने उसके दावे को खारिज किया है.


दरअसल, जिस शख्स के नाम पर दो लाख करोड़ के काले धन का खुलासा किया गया है, उस नाम का कोई भी इंसान मुंबई के बांद्रा इलाके में नहीं रहता है.

जो पता आईटी विभाग को दिया गया है, उस घर में पिछले सात साल से कोई भी नहीं रहता है.

30 हजार करोड़ से ज्यादा डायरेक्ट टैक्स मिलेगा

वित्त मंत्रालय ने आईडीएस के तहत घोषित काला धन को संशोधित कर 67,382 करोड़ रुपये कर दिया है.

इससे सरकार को डायरेक्ट टैक्स के तौर पर 30 हजार करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा मिलेगा.हालांकि इसमें दो बड़ी राशि के दाखिल डिटेल को शामिल नहीं या गया है.

वित्त मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि आयकर विभाग ने अहमदाबाद के महेश कुमार चंपकलाल शाह के घोषित 13,860 करोड़ रुपये की घोषणा पर विचार नहीं किया है.

शाह ने उन राजनेताओं और कारोबारियों के नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी है, जिसके लिये वह काम कर रहे थे.

घोषणा करने वाले लोग छोटे संसाधनों वाले

बयान के मुताबिक जो घोषणा प्राप्त हुई है, उसमें उच्च मूल्य की दो घोषणाओं को उस आंकड़े में शामिल नहीं किया गया.

इसका कारण उसका संदिग्ध पाया जाना था क्योंकि उनकी घोषणा करने वाले छोटे संसाधन वाले लोग थे.

इसमें कहा गया है कि एक अक्टूबर 2016 को यह घोषणा की गई थी कि कुल 64,275 घोषणाकर्ताओं ने 65,250 करोड़ रुपये का खुलासा किया है.

अंतिम मिलान के बाद पाया गया कि कुल 71,726 घोषणाकर्ताओं ने 67,382 करोड़ रुपये का खुलासा किया.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस चूक के बारे में ट्विटर पर लिखा है कि ‘65,000 करोड़ रुपये के आईडीएस में 13,860 करोड़ रुपये का गोलमाल है. आईडीएस‘ और कितना गोलमाल.’

झूठी घोषणा के पीछे का इरादा जानने की कोशिश

आईडीएस के बारे में ताजा सरकारी बयान में कहा गया है कि मुंबई के बांद्रा में रहने वाले अब्दुल रज्जाक मोहम्मद सईद के चार सदस्यों के परिवार ने कुल दो लाख करोड़ रुपये की घोषणा की जिसे विभाग ने खारिज कर दिया.

क्योंकि चार पैन नंबर मूल रूप से अजमेर के थे और वे सितंबर 2016 में मुंबई पहुंचे थे जहां उन्होंने आय की यह घोषणा की थी.

आय का खुलासा वहीं किया गया था. जांच में यह पाया गया कि ये घोषणा करने वाले लोग संदिग्ध प्रवृति के थे और उनके पास काफी कम संसाधन थे.

मंत्रालय ने कहा कि इसीलिए उचित विचार-विमर्श के बाद आयकर विभाग ने 30 नवंबर को दो लाख करोड़ रुपये और 13,860 करोड़ रुपये की घोषणाओं को खारिज कर दिया.

विभाग ने इसकी घोषणा करने वालों के खिलाफ जांच शुरू की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि झूठी घोषणा के पीछे का क्या इरादा था.

(न्यूज़ 18 से साभार)