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यूपी: पंचायत का फैसला- 'जहां शौचालय नहीं, वहां बेटियों की शादी नहीं'

बिजवाड़ा गांव की पंचायत ने यह भी फैसला किया है कि जहां शौचालय नहीं होगा वहां की बेटियों की शादी वो अपने यहां नहीं करेंगे

Bhasha

यूपी के बागपत जिले के बिजवाड़ा गांव की पंचायत ने ‘जिस गांव में शौचालय नहीं, वहां बेटियों का ब्याह नहीं करने’ का ऐतिहासिक फैसला किया है.

बिजवाड़ा के ग्राम प्रधान अरविंद ने रविवार को पंचायत के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, 'शौचालय महिलाओं की सबसे बड़ी जरूरत है. यदि कहीं शौचालय नहीं है तो महिलाओं को अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है. खुले में शौच जाने से कई बार उनकी जान तक पर बन आती है.'


उन्होंने कहा, 'आए दिन हो रही घटनाओं को देखते हुए शनिवार को गांववालों ने पंचायत बुलाई, जिसमें सबकी सहमति से निर्णय लिया गया कि जिस गांव में शौचालय नहीं है, वहां वो अपनी बेटियों की शादी नहीं करेंगे. साथ ही वहां की बेटियों की शादी अपने यहां नहीं करेंगे. नियम के खिलाफ जाने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.'

अरविंद ने कहा कि समाज को ध्यान देना होगा कि वह अपनी बहू-बेटियों को शौचालय जरूर दे. अगर किसी के पास आर्थिक दिक्कत है तो वह सरकारी मदद पाकर शौचालय बनवा सकता है.

पंचायत के संचालक रहे तेजपाल सिंह तोमर का कहना है कि सरकार भी देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करना चाहती है इसलिए समाज को मिलकर स्वच्छ भारत मिशन की ओर कदम बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि बहू-बेटियों को खुले में शौच के लिए भेजना बेहद शर्मनाक बात है. इसे खत्म करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा.

शनिवार को भाई दूज के मौके पर बागपत जिले के ही रहने वाले दो भाइयों ने अपनी बहनों को शौचालय गिफ्ट किया था.