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अलगाववादियों को ठेंगा दिखाते हुए सेना की परीक्षा में बैठे 800 कश्मीरी युवक

शनिवार को घाटी का माहौल तब खराब हो गया था जब सुरक्षा बलों ने सबजार समेत आठ आतंकियों को मार गिराया था

Bhasha

कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी सबजार भट के मारे जाने के बाद घाटी में फैली अशांति के बीच सेना में जूनियर कमीशन अधिकारी और अन्य पदों पर चयन के लिए रविवार को  करीब 800 कश्मीरी युवक साझा प्रवेश परीक्षा में बैठे.

भट के मारे जाने के बाद शुरू हुई हिंसा और अलगाववादियों द्वारा दो दिन के घाटी बंद का आह्वान किए जाने के मद्देनजर सेना ने घाटी के विभिन्न हिस्सों में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई गई थीं.


सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘विभिन्न विरोधी गुटों के बंद के आह्वान की परवाह ना करते हुए 799 उम्मीदवार पट्टन और श्रीनगर में रविवार को हुई साझा प्रवेश परीक्षा में बैठे.’

सबजार के इनकाउंटर के बाद बिगड़ा माहौल 

अधिकारी ने कहा, ‘यह उज्ज्वल भविष्य के लिए बंद की अपीलों को स्पष्ट तौर पर खारिज करना है.’

उन्होंने कहा कि 815 उम्मीदवारों में से शारीरिक और चिकित्सा परीक्षा पास करने वाले 16 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा नहीं दी.

कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को उस वक्त से माहौल खराब हो गया जब सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाते हुए सबजार अहमद भट समेत आठ आतंकवादियों को मार गिराया.

सबजार ने पिछले साल जुलाई में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उसकी जगह ली थी.