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सातवां वेतन आयोग: एचआरए सहित कई भत्ते बढ़ेंगे!

कैबिनेट एचआरए सहित कई भत्तों पर सातवें वेतन आयोग की जगह लवासा समिति की सिफारिशों पर अपनी मुहर लगा सकती है

FP Staff

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में भत्तों को लेकर जारी गतिरोध जल्द खत्म हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 28 जून को होनी वाले कैबिनेट मीटिंग में इस पर फैसला लिया जा सकता है. उम्मीद की जा रही है सरकार एचआरए सहित कई भत्तों पर सातवें वेतन आयोग की जगह लवासा समिति की सिफारिशों पर अपनी मुहर लगा सकती है. सरकार की ओर से इस पर मुहर लगने से 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.

सातवें वेतन आयोग में एचआरए सहित कई भत्तों को छठे वेतन आयोग की तुलना में कम कर दिया गया था. इसके साथ ही कई अन्य भत्तों को खत्म करने की भी सिफारिश की गई है. इस वजह से सरकारी कर्मचारियों के भीतर सातवें वेतन आयोग को लेकर भारी नाराजगी थी.


छठे वेतन आयोग में एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) की दर 30, 20 और 10 फीसदी है. जबकि सातवें वेतन आयोग के मुताबिक एचआरए 24, 16 और 8 फीसदी तय की गई है. इस सिफारिश पर कर्मचारियों ने नाराजगी जताई. इसके बाद वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में भत्तों संबंधित सिफारिशों की समीक्षा के लिए लवासा समिति बनाई गई.

क्या लवासा समिति की सिफारिशें?

इस समिति ने वित्त मंत्री को अपनी सिफारिशें सौंप दी है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बराबर भत्ता देने के लिए कहा है. एचआरए बढ़ाने के साथ ही पैनल ने कर्मचारियों के ट्रांसपोर्ट भत्तों पर भी नरम रुख दिखाया है. समिति ने 56 भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की और अन्य 36 भत्तों को दूसरे भत्तों के साथ मिलाने की बात कही है. वर्तमान में 6वें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों को 196 भत्ते मिलते हैं.

इसके बाद यह उम्मीद की जा रही है एके माथुर के नेतृत्व वाली सातवें वेतन आयोग की भत्तों संबंधित सिफारिशों में बदलाव किया जा सकता है और ये भत्ते सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से अधिक हो सकता हैं.

पीटीआई के भी यह खबर दी है कि वित्त मंत्रालय ने अपने एक बयान में इस बात की पुष्टि की है कि कुछ भत्ते में संशोधनों का सुझाव दिया गया है, जो कि सभी कर्मचारियों पर लागू होंगे. इसके अलावा विशिष्ट कर्मचारी श्रेणियां जैसे कि रेलवेमैन, पोस्टल कर्मचारी, साइंटिस्टों, डिफेंस फोर्स के कर्मियों, डॉक्टर, नर्स इत्यादि के लिए कुछ अन्य भत्तों की सिफारिश की गई है.

लवासा कमेटी की रिपोर्ट का व्यय विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर) द्वारा आंकलन किया जा रहा है. कैबिनट के अप्रूवल के लिए भेजने से पहले इस रिपोर्ट को 7वीं सीपीसी की सिफारिशों की स्क्रीनिंग के लिए बनी सचिवों के अधिकार प्राप्त समिति के भेजा जाएगा. जिसके बाद एक प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा.

इससे पहले सरकार ने 1 जनवरी 2016 से सेना में और 1 जून 2016 से अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की थी लेकिन भत्ते संबंधित विवादों की वजह से यह लागू नहीं हो पाया है.