राजस्थान में इन दिनों स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. रोज नए मामले स्वाइन फ्लू के देखे जा रहे हैं. वहीं ताजा आंकड़ों के मुताबिक स्वाइन फ्लू से अब तक राज्य में 72 लोगों की मौत हो चुकी है.
नए साल में 1 जनवरी से लेकर 27 जनवरी तक लगातार स्वाइन फ्लू के मामले राजस्थान में देखने को मिल रहे हैं. अब तक करीब 1856 से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 72 लोगों की मौत भी राज्य में स्वाइन फ्लू के कारण हो चुकी है.
क्या है स्वाइन फ्लू?
स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, जो काफी तेजी और आसानी से फैलती है लेकिन इसका इलाज संभव है. अगर बीमारी के दौरान और बाद में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इसको गंभीर होने से बचाया जा सकता है. दरअसल ये एक संक्रमण है, जो इंफ्लूएंजा ए वायरस के कारण फैलता है. ये वायरस सूअरों में पाया जाता है. इंसानों में ये संक्रामक बीमारी काफी तेजी से फैलती है. अगर सावधानी न बरती जाए, तो ये काफी गंभीर भी हो सकती है. स्वाइन फ्लू का खतरा अधिकतर ठंड और बरसात में रहता है क्योंकि ये बीमारी नमी के चलते तेजी से फैलती है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण?
स्वाइन के साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि इसके लक्षण पहली नजर में सामान्य सर्दी-जुकाम लगने जैसे होते हैं. इसमें तेज बुखार, जुकाम, छींक जैसी स्थिति होती है. लेकिन परेशानी ज्यादा बढ़ने पर उल्टी-दस्त भी लग सकते हैं. साथ ही मरीज के मांसपेशियों में दर्द, जकड़न, सिर और गले में दर्द की शिकायत रहती है. भूख नहीं लगती और अनिद्रा की समस्या पैदा हो जाती है.
स्वाइन फ्लू का इलाज
स्वाइन फ्लू की समस्या लगने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. हालांकि, अभी तक स्वाइन की वैक्सीन नहीं बनी है, लेकिन इसमें एंटीवायरल दवाइयां काफी मदद करती हैं. इसमें लक्षण दिखाई देने के दो दिनों के भीतर एंटीवायरल दवाइयां ले लेनी चाहिए. इसका अच्छा उपचार डॉक्टर के दिशा-निर्देश में इलाज करवाना ही है.
स्वाइन फ्लू के मरीज इन बातों का रखें ध्यान
- छींकते या खांसते समय हमेशा मुंह पर टिशू रखना चाहिए और उस टिशू को तुरंत डस्टबिन में डाल देना चाहिए.
- बाहर जाना हो तो फेसमास्क लगाकर रखें.
- अपने हाथों को लगातार धोते रहें और दूसरी चीजों या सामान को ज्यादा छूने से बचें. हमेशा हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें.
- खूब सारा पानी पिएं और खुद को डिहाइड्रेट रखें.
- डॉक्टर के परामर्श करके दवाइएं लें और उसकी सलाह मानें.