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70 फीसदी महिलाओं में विटामिन डी की कमी से डायबिटिज का खतरा बढ़ा

विटामिन डी और ब्लड शुगर में उलटा संबंध होता है. विटामिन डी का स्तर शरीर में जितना कम होगा, ब्लड शुगर उतना बढ़ेगा

FP Staff

विटामिन की कमी से उत्तर भारत की 70 फीसदी महिलाओं में टाइप-2 डायबिटिज का खतरा बढ़ रहा है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है.

अध्ययन में बताया गया है कि प्री-डायबिटिज से ग्रस्त उत्तर भारत की 68.6 प्रतिशत महिलाओं में विटामिन डी की कमी पाई गई. 26 प्रतिशत महिलाओं में जरूरी क्षमता से कम विटामिन था और मात्र 5.5 प्रतिशत महिलाओं में ही इसकी जरूरी मात्रा पाई गई.


फोर्टिस सी-डॉक के अध्यक्ष अनूप मिश्रा ने एक बयान में कहा, भारत में हमें समझना होगा कि यहां की महिलाओं में मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, हाइपर ग्लायशिमिया के कारण डायबिटिज बढ़ रहा है. महिलाएं जिस गति से प्री-डायबिटिज से डायबिटिज की ओर बढ़ रही हैं, यह बहुत खतरनाक है.

मिश्रा ने कहा, अगर विटामिन डी सप्लीमेंट बढ़ाकर इस बीमारी को रोका जा सके, तो यह सचमुच काफी अच्छा होगा.

रिसर्चर बताते हैं कि विटामिन डी और ब्लड शुगर में उलटा संबंध होता है. विटामिन डी का स्तर शरीर में जितना कम होगा, ब्लड शुगर उतना बढ़ेगा. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पैंक्रियाज के बीटा सेल फंक्शन पर विटामिन डी सीधा असर करता है, जो शरीर में इंसुलिन बनाता है.

अनूप मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछले कुछ अध्ययन बताते हैं कि विटामिन डी की कमी से पेट पर चर्बी बढ़ती है. हालांकि विटामिन डी और प्री-डायबिटिज में क्या संबंध है, खासकर महिलाओं में, अभी इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

इंडिया स्पेंड की हालिया रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में दुनिया के 59 प्रतिशत मरीज पाए जाते हैं. साल 2017 में ही लगभग 7 करोड़ मरीजों का पता चला. साल 2025 में यह संख्या 13 करोड़ होने की आशंका है.