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मोदीकेयर के 68 प्रतिशत मरीजों का प्राइवेट हॉस्पीटल में होता है इलाज

नेशनल हेल्थ एजेंसी द्वारा एकत्रित आंकड़ों से पता चला है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 2,32,592 लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती किया गया. 23 सितंबर 2018 को ये योजना लागू की गई थी

FP Staff

पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किए गए आयुष्मान भारत प्रोग्राम के लिए अच्छी खबर आ रही है. आयुष्मान भारत प्रोग्राम के तहत 2.3 लाख लाभार्थियों यानी लगभग 68 प्रतिशत का ईलाज प्राइवेट अस्पतालों में होता है. इस लिस्ट में सबसे पहला नंबर गुजरात का है. तमिलनाडु, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल भी इस लिस्ट में हैं.

नेशनल हेल्थ एजेंसी द्वारा एकत्रित आंकड़ों से पता चला है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 2,32,592 लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती किया गया. 23 सितंबर 2018 को ये योजना लागू की गई थी. डाटा के अनुसार अस्पताल में भर्ती लोगों में सबसे ज्यादा मात्रा मुंह की सर्जरी, सामान्य सर्जरी, आंखों के इलाज और गर्भवती महिलाएं थीं.


इन आंकड़ों से पता चलता है कि प्राइवेट अस्पतालों ने योजना को स्वीकार कर लिया है. क्योंकि इसके पहले ये प्राइवेट अस्पताल ही थे जिन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बहुत ही कम कीमत के पैकेज होने के कारण संदेह जताया था.

15 हजार अस्पताल नेटवर्क में शामिल:

इसकी वजह से पूरे देश में इस योजना की पहुंच पर भी संदेह था. क्योंकि इसके लिए देश भर में अस्पतालों के अच्छे खासे नेटवर्क की जरुरत थी जो मरीजों की देखभाल करे. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक 55,482 अस्पतालों से आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसमें से 15 हजार अस्पताल या तो नेटवर्क में शामिल हो चुके हैं या फिर पाइप लाइन में हैं. लगभग 8 हजार प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं.

आयुष्मान भारत योजना के जरिए सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. इसके जरिए कम कीमत पर लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा दी जाएगी. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को मोदीकेयर के नाम से भी जाना जाता है. इसमें लगभग 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने की योजना है. जिसमें से 10.74 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख तक की सालाना कैशलेस स्वास्थ्य सेवा दी जाएगी.