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68% दूध और उसके उत्पाद एफएसएसएआई मानकों पर खरे नहीं उतरते

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के मुताबिक सबसे आम मिलावट डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, ग्लूकोज, सफेद पेंट और रिफाइन तेल के रूप में की जाती है

Bhasha

दूध और उसके उत्पादों से जुड़ा एक और बड़ा सच अब सबके सामने आया है. बाता दें कि भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के एक सदस्य ने कहा कि देश में बिकने वाले करीब 68.7 प्रतिशत दूध और दुग्ध उत्पाद भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मानदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं.

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलुवालिया ने कहा कि


सबसे आम मिलावट डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, ग्लूकोज, सफेद पेंट और रिफाइन तेल के रूप में की जाती है. उन्होंने कहा कि देश में दूध और दुग्ध उत्पादों में मिलावट का आलम यह है कि ऐसे 68.7 फीसदी उत्पाद एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप नहीं हैं.

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए अहलुवालिया ने कहा कि ऐसे 89.2 प्रतिशत उत्पादों में किसी न किसी रूप में मिलावट की जाती है. उन्होंने कहा कि देश में 31 मार्च, 2018 तक प्रतिदिन 14.68 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन दर्ज किया गया. वहीं खपत प्रतिदिन प्रति कैपिटा 480

ग्राम रहा. सदस्य ने यहां विभिन्न विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्यों की तुलना में उत्तरी राज्यों में मिलावट अधिक होती है.