कश्मीर में मंगलवार को एक घर में छिपे आतंकी को बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने जमकर सुरक्षाबलों पर पथराव किया.
12 घंटे तक चली मुठभेड़
बडगाम जिले में 12 घंटे से भी ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन के दौरान हुई पत्थरबाजी में कुल 63 जवान घायल हो गए. इस ऑपरेशन में घर में छिपे एक आतंकी को मार गिराया गया. वहीं फायरिंग में 3 स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई.
सीआरपीएफ के डीआईजी संजय कुमार का कहना है कि यह ऑपरेशन काफी कठिन था, क्योंकि हमें दो प्लेटफॉर्म पर लड़ना पड़ रहा था. एक तो आतंकी और दूसरा लोकल लोग.
43 सीआरपीएफ जवान और 20 पुलिस जवान हुए घायल
कुछ लोगों ने हमारा काम काफी कठिन कर दिया. काफी पत्थरबाजी हुई, गालियां भी दी गईं. संजय कुमार का कहना है कि पत्थरबाजी में 43 सीआरपीएफ जवान और 20 पुलिस के जवान घायल हुए. उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि हमारी लड़ाई मिलिटेंट्स के खिलाफ है, कश्मीर के लोग हमारा साथ दें. ऑपरेशन के दौरान लोकल लोग उस जगह से दूर रहें.
वहीं बीजेपी सांसद आरके सिंह ने कहा कि कड़ी कार्रवाई नहीं करने से यही होगा. चाहे जो उम्र हो आप चिन्हित कीजिए और जम्मू में उनका ट्रायल चलाएं. पैलेट गन तो अपने आप में एक विकल्प था. फायरिंग का विकल्प था. जो भी तरीका इस्तेमाल करें वो ऐसा होना चाहिए जिससे लोग हट जाएं. ट्रायल करके ऐसे लोगों को बंद करना चाहिए.
मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है. इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों में से एक की पहचान जाहिद राशिद गनई के रूप में की गई है. उसे दरबग गांव के पास गोली लगी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोली लगने के बाद युवक को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.