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सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में लगभग 6 हजार शिक्षकों की कमी

एक अप्रैल, 2017 तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 17,106 पद में से 5,997 पद खाली थे

Bhasha

शभर में शिक्षकों की काफी कमी है. चाहे प्राईमरी स्कूल हों, चाहें सेकेंडरी स्कूल हों या फिर महाविद्यालय या विश्वविद्यालय आज लगभग सारे शिक्षण संस्थान शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. इसी बीच केंद्र सरकार ने माना कि केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है.

केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में यूजीसी द्वारा वित्तपोषित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 17,106 पद में से 5,997 पद खाली हैं और इन पदों को भरने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.


मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल, 2017 तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 17,106 पद में से 5,997 पद खाली थे.’ उन्होंने कहा कि इन पदों को भरने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.

मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया गया है. विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 17,106 पद में से 5,997 पद खाली हैं और इन पदों को भरने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.