सरकार ने 400 के लगभग औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को गुणवत्ता निरीक्षण के बाद असंबद्ध कर दिया है. निरीक्षण में पाया गया कि संस्थानों में छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए अपेक्षित बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षकों की कमी है.
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजेश अग्रवाल से जब 13,000 में से 400 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को असंबद्ध करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सकरात्मक जवाब दिया.
अग्रवाल ने बताया, 'हम निरीक्षण करते हैं. यह देखते हैं कि बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और प्रशिक्षक दिशानिर्देशों के मुताबिक होने चाहिए. ऐसा नहीं होने पर आईटीआई को असंबद्ध किया जा रहा है. क्योंकि अगर आप राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) स्तर के आईटीआई रहना चाहते हैं तो आपको कुछ अल्प शर्तों को पूरा करना होता है.'
कौशल विकास की रफ्तार पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं
उन्होंने कहा कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने और संस्थानों द्वारा स्वैच्छिक ग्रेडिंग शुरू करने के लिए आईटीआई की निगरानी शुरू कर दी है.
मोदी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की रफ्तार पर पहले भी सवाल उठाए गए हैं. हाल ही में विभाग के मंत्री रहे राजीव प्रताप रूड़ी को हटा दिया गया था. इसके बाद इसकी कमान धर्मेंद्र प्रधान को दी गई.
वहीं उनके सहयोग के लिए विभाग में अनंत कुमार हेगड़े को राज्यमंत्री बनाया गया है.