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बुजुर्गों के खिलाफ अपराध में टॉप पर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश

‘भारत में अपराध’ नाम की रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध दर सबसे कम है

Bhasha

देश में वर्ष 2014 से 2016 के बीच वरिष्ठ नागरिकों (बुजुर्गों) के खिलाफ कुल जितने अपराध हुए उनमें से 40 प्रतिशत सिर्फ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हुए हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ऐसे अपराधों में दिल्ली टॉप 7 राज्यों में शामिल है. हालांकि साल 2016 में दिल्ली में ऐसे मामले कुछ कम दर्ज हुए.

‘भारत में अपराध’ नाम की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में अकेले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 7,419 अपराध हुए जो उस साल देश में दर्ज कुल 18,714 मामलों का 39.64 प्रतिशत है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 2015 में, पूरे देश में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ कुल 20,532 मामले हुए जिनमें 39.04 प्रतिशत देश के इन दो बड़े राज्यों में दर्ज किए गए.


2016 में ज्यादा बढ़े अपराध

अपराध का यह आंकड़ा वर्ष 2016 में और बढ़ गया. 2016 में देश में दर्ज कुल 21,410 मामलों में से 40.03 प्रतिशत महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए. 2016 में दोनों राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ कुल 8,571 आपराधिक मामले दर्ज हुए जो 2015 में दर्ज 8,017 मामलों से 500 अधिक है. इस सूची में महाराष्ट्र टॉप पर है. 2014, 2015 और 2016 में यहां क्रमश: 3,981, 4,561 और 4,694 मामले दर्ज किए गए.

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में भी स्थित बदतर

आंकड़े बताते हैं कि इस मामले में महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश का नंबर आता है. साल 2014, 2015 और 2016 में यहां यह आंकड़ा क्रमश: 3,438, 3,456 और 3,877 रहा. मध्य प्रदेश के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में वरिष्ठ नागिरकों के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए. दिल्ली में 2014 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ 1,021 मामले, 2015 में 1,248 और 2016 में 685 मामले दर्ज किए गए.

जम्मू-कश्मीर में 2014 और 2016 के बीच वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. इन 3 वर्षों में उत्तराखंड और असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड जैसे उत्तर पूर्वी राज्यों में ऐसे मामलों की संख्या 10 से भी कम रही.