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मोसुल में 39 भारतीयों की हत्या: जानिए कब क्या हुआ?

40 भारतीयों का चार साल पहले मोसुल में आईएसआईएस ने अपहरण कर लिया गया था. उनमें से 39 को मार दिया गया

FP Staff

तीन साल तक यह जानकारी दी गई थी कि 2014 में अगवा किए गए 39 भारतीय जिंदा हैं. अब, आखिरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जानकारी दी कि इन सभी की मौत हो गई है. 40 भारतीयों का चार साल पहले मोसुल में आईएसआईएस ने अपहरण कर लिया गया था. उनमें से 39 को मार दिया गया. सिर्फ एक शख्स, हरजीत मसीह बचने में कामयाब हुआ. मसीह ने खुद को बांग्लादेशी बताकर बचने में कामयाबी हासिल की थी. मसीह के इस दावे को सरकार खारिज करती रही कि बाकी 39 लोग मारे गए हैं. पिछले करीब चार साल में कब, क्या हुआ है, इसे जान लेते हैं.

2014


9 जून – मसीह और बाकी 39 लोगों के परिवार ने बगदाद स्थित भारतीय एंबेसी में मदद की गुहार लगाई.

10 जून - आईएस ने मोसुल को कब्जे में लिया.

11 जून – 40 भारतीय नागरिकों को अगवा कर लिया गया. उन्होंने अपने परिवार से बात की और हालात के बारे में बताया.

13 जून – इनमें से दो लोगों ने बगदाद में भारतीय एंबेसी को फोन किया. बताया जाता है कि उनसे भगवान पर भरोसा रखने को कहा गया. बताया गया कि बगदाद में बैठकर करीब 700 किलो मीटर दूर मोसुल में वे कुछ खास नहीं कर सकते, क्योंकि वहां पूरी तरह हालात खराब हैं. विदेश मंत्रालय को भी जानकारी दे दी गई कि एक ग्रुप का अपहरण हो गया है.

15 जून – अगवा किए गए लोगों की अपने परिवार से आखिरी बार बात हुई. कहा जाता है कि सभी 39 लोगों को लाइन में खड़ा करके आईएस के आतंकियों ने गोली मार दी.

16 जून – अगवा लोगों में एक के परिवार के सदस्य ने मीडिया को अपहरण की जानकारी दी.

18 जून – सरकार ने बयान जारी किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तमाम सूत्रों के हवाले से कहा कि 40 लोगों को अगवा किया गया है. सरकार ने कहा कि अभी उनसे किसी तरह की फिरौती नहीं मांगी गई है.

22-23 जून – अकेले बचे हरजीत मसीह ने अर्बिल में भारतीय  अधिकारियों से मुलाकात की.

जुलाई – मसीह को भारत लाया गया. लेकिन हिरासत में रखा गया. मसीह के मुताबिक पहले उन्हें बेंगलुरु भेजा गया. वहां इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग दी गई. फिर ग्रेटर नोएडा के डिटेंशन सेंटर में रखा गया. धर्मशाला में जॉब का वादा करके उन्हें घर भेज दिया गया. दस दिन के बाद धर्मशाला जाने को कहा गया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उसके बाद मसीह ने घर लौटकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

27 नवंबर – सुषमा स्वराज ने घोषणा की कि मसीह सरकार की निगरानी में है. उन्होंने दावा किया कि छह अलग सूत्रों ने जानकारी दी है कि सभी 39 लोग जिंदा हैं. बाद में उन्होंने छह की जगह आठ सूत्रों का हवाला दिया.

19 जून 2014 की तस्वीर, अगवा किए भारतीयों की तस्वीर के साथ उनके परिवार वाले (पीटीआई)

2015

14 मई – मसीह ने आप एमपी भगवंत मान के घर से प्रेस कांफ्रेंस की. मसीह ने कहा कि सभी 39 लोग मार दिए गए हैं. सुषमा स्वराज ने एक बार फिर कहा कि सभी जिंदा हैं.

29 सितंबर – न्यूयॉर्क में एक मीटिंग के दौरान प्रधानंत्री मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से इन लोगों के बारे में जानकारी मांगी. अब्बास ने कहा कि वे लोग जीवित हैं.

2016

17 अक्टूबर – इराकी फौज ने मोसुल पर हमला बोला.

2017

11 मार्च – अल हश अल शाबी ने घोषणा की कि उन्हें 500 कैदियों की लाशें मिली हैं, जिन्हें आईएस ने मारा था.

16 जून – विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर कहा कि 39 लोग जिंदा हैं. लेकिन अभी तक उनकी रिहाई के लिए कोई मांग आधिकारिक तौर पर नहीं की गई है.

9 जुलाई – इराकी सरकार ने आधिकारिक तौर पर मोसुल को अपने कब्जे में ले लिया.

16 जुलाई – विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इराक से जानकारी दी कि 39 लोगों को बादुश जेल में रखा गया है. स्वराज ने कहा कि वे इराकी विदेश में मंत्री के भारत दौरे पर उनसे इस बारे में जानकारी लेंगी.

22 जुलाई – जानकारी मिली कि बादुश जेल जून में नष्ट कर दी गई.

24 जुलाई – इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल जाफरी भारत आए और कहा कि वो पूरे भरोसे से नहीं कह सकते कि भारतीय नागरिक जिंदा हैं या नहीं.

26 जुलाई – सुषमा स्वराज ने संसद में कहा कि बिना ठोस सबूत के किसी व्यक्ति को मुर्दा घोषित करना पाप है. उन्होंने कहा कि मैं यह पाप नहीं करूंगी.

27 जुलाई – स्वराज ने एक बार फिर कहा कि बिना सबूत के वो कोई घोषणा नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि मसीह की बात पर भरोसा न करने के लिए उनके पास वजह हैं. उन्होंने कहा कि अगवा किए लोगों में एक निशान सिंह के परिवार ने दावा किया है कि 17 जून को उनकी बातचीत हुई है, जो शूट आउट से दो दिन बाद था. उन्होंने दावा किया कि ग्रुप को जेल ले जाया गया. वहां उनसे कंस्ट्रक्शन और फिर फार्म में काम कराया गया.

21 अक्टूबर – सरकार ने घोषणा की कि वे गायब हुए परिवार के सदस्यों से डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं. एक टीम सैंपल इराक लेकर जाएगी, जिससे उन्हें ढूंढने में मदद मिलेगी.

2018

20 मार्च – सुषमा स्वराज ने घोषणा की कि गायब हुए 39 लोग जीवित नहीं हैं. बादुश में इन सभी के शरीर ढूंढने के लिए खास किस्म की रडार का इस्तेमाल हुआ. डीएनए सैंपल से 38 शवों की शिनाख्त की गई. 39वें शव या कंकाल का 70 फीसदी मिलान हुआ.