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पिछले 10 साल में 384 बाघों का हुआ शिकार, 961 गिरफ्तार

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत यह जानकारी दी गई है

Bhasha

देश में पिछले एक दशक में 384 बाघों का शिकार किया गया और इस अपराध में शामिल 961 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत यह जानकारी दी गई है. आरटीआई कार्यकर्ता रंजन तोमर द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में ब्यूरो ने विभिन्न राज्यों के वन एवं पुलिस विभाग द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के आधार पर बताया कि पिछले दस सालों में 384 बाघ शिकारियों के हाथों में मारे गए.

शिकार में शामिल आरोपियों में से कितने दोषी ठहराये गए और कितने लोगों को सजा हुई, ब्यूरो के पास इसकी जानकारी नहीं है. इसके लिए ब्यूरो ने बाघ के शिकार के अपराध में दोषी ठहराये गए लोगों का आंकड़ा राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने की दलील दी है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक 92 बाघों की मौत हुई है. इनमें से एक भी बाघ शिकारियों के हाथों नहीं मारा गया है.


प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक इस साल मारे गए बाघों में 10 की मौत प्राकृतिक कारणों से, 3 आपसी संघर्ष में और 79 अन्य कारणों से मारे गए. वहीं साल 2017 में बाघ की मौत का आंकड़ा 115 था. इनमें से 15 शिकार के दौरान मारे गए, 31 की प्राकृतिक कारणों से मौत हुई, 4 आपसी संघर्ष में मारे गए और 65 की मौत अन्य कारणों से हुई.