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2जी फैसला: जानिए उस जज के बारे में जिन्होंने सभी आरोपियों को किया बरी

जानिए कौन है जज ओपी सैनी जिन्होंने सबूतों के अभाव में एक लाइन में सबको निर्दोष बताते हुए सुनाया फैसला

FP Staff

2जी केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया. जज ने इस मामले में पूर्व मंत्री ए राजा और सांसद कनिमोडी सहित सभी 17 आरोपियों को बरी कर दिया. जज ओपी सैनी ने सबूतों के अभाव में एक लाइन में सबको निर्दोष बताते हुए फैसला सुनाया.

63 साल के जज ओपी सैनी को 2जी केस के ट्रॉयल के लिए चुना गया था. न्यायिक बिरादरी में उन्हें एक शांत और परिश्रमी जज के तौर पर जाना जाता है. बता दें कि सैनी ने साल 1981 में दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था. छह साल की नौकरी के बाद वह न्यायिक मजिस्ट्रेट की परीक्षा में बैठे. उस साल वह इकलौते परीक्षार्थी थे, जिसने परीक्षा पास की.


सैनी हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. साल 2011 में जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट बनाने का आदेश दिया तो सैनी की प्रतिष्ठा और कार्यप्रणाली को देखते हुए उन्हें जज के रूप में चुना गया.

कई अहम मामलों में फैसला सुना चुके हैं

सैनी कई और महत्वपूर्ण मामलों में जज रह चुके हैं. राष्ट्रीय एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) घूस केस और कॉमनवेल्थ घोटाला केस में भी वह जज रह चुके हैं. सैनी ने ही सुरेश कलमाड़ी के करीबी ललित भनोत, वीके वर्मा और कुक रेड्डी सहित दूसरों को जेल में बंद करने का आदेश दिया था.

सैनी ने लाल किला शूटआउट केस में मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ को मौत की सजा और अन्य छह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बता दें कि इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए थे. इस मामले की सुनवाई कर रहे जज के रिटायर होने के बाद उन्हें ये केस मिला था.

कनिमोडी की जमानत याचिका की थी खारिज

2जी केस के पहले साल की सुनवाई के दौरान हर कोई यह मान रहा था कि करुणानिधि की बेटी कनिमोडी को महिला होने के नाते पांच महीने में ही बेल मिल जाएगी. लेकिन, सैनी ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वह एक प्रभावशाली राजनीतिज्ञ हैं. कस्टडी से बाहर निकलने पर वह गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं. साल 2013 में सीआरपीसी की क्रिमिनल प्रोसिजर कोड को प्रयोग करते हुए उन्होंने इस मामले में सुनील मित्तल, असीम घोष और रवि रुइया को भी समन जारी किया था.

(साभार न्यूज 18)