view all

बिहार: PMCH में हड़ताल की वजह से अब तक 12 मरीजों की मौत

PMCH का बैकबोन माने जाने वाले जूनियर डॉक्टर मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा साथी डॉक्टर की पिटाई पर गुस्सा हैं

FP Staff

आंकड़ों के अनुसार पिछले 26 साल में पीएमचीएच में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की वजह से कम से कम 12 मरीजों की मौत हो गई है. पीएमसीएच में 335 जूनियर डॉक्टर हैं, जिनके तहत ओपीडी और आपातकाल दोनों की जिम्मेदारी होती है. इसलिए इन्हें अस्पताल की रीढ़ की हड्डी भी माना जाता है. लेकिन पीएमसीएच के इन जूनियर डॉक्टरों ने अपने एक साथी डॉक्टर की मरीज के रिश्तेदारों द्वारा पिटाई के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था.

मरीज के रिश्तेदार ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनकी पिटाई की थी. डॉ दीनानाथ ने मुंह से खून बहना शुरू हो गया था और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. इसके बाद गुस्साए डॉक्टर अपराधियों के तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए हड़ताल पर चले गए.


डॉक्टरों के इस हड़ताल की वजह से अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं प्रभावित हुई हैं. इसके कारण 160 से अधिक मरीजों को दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए जाना पड़ा और 22 सर्जरी स्थगित कर दी गई.

दूसरे अस्पताल से 50 डॉक्टर बुलाए गए:

पीएमसीएच के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के निर्देश पर हड़ताली डॉक्टरों के साथ वार्ता शुरू कर दी है. लेकिन जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने जब तक ठोस कदम नहीं उठाया जाता तब तक हड़ताल तोड़ने से इंकार कर दिया है.

न्यूज 18 की खबर के मुताबिक दूसरे अस्पतालों से करीब 50 डॉक्टरों को संकट से बचने के लिए पीएमसीएच में नियुक्त किया गया है. हालांकि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि मुख्य अपराधी अभी भी फरार है.