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सीवर सफाई के दौरान हुई मौतों में 100 परिवारों को 10 लाख रुपए का मुआवजा

सीवर साफ करने वालों की मौत पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए जाला ने कहा कि पिछले डेढ़ सालों में ऐसी मौतों के करीब 600 मामले सामने आए हैं

Bhasha

सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) के अध्यक्ष मन्हार वालजीभाई जाला ने कहा कि आयोग ने उन 100 परिवारों के लिए 10 लाख रुपए का अनिवार्य मुआवजा सुनिश्चित किया है जिनके सदस्य सीवर (बड़े नाले या मैनहोल) साफ करने के दौरान अपनी जान गंवा बैठे. सीवर साफ करने वालों की मौत पर एक रिपोर्ट जारी करने के मौके पर जाला ने कहा कि पिछले डेढ़ सालों में ऐसी मौतों के करीब 600 मामले सामने आए हैं.

उन्होंने कहा- हमने 100 प्रभावित परिवारों के लिए 10 लाख रुपए के मुआवजे का प्रबंध किया है. आयोग ऐसे और मामलों में दखल देकर मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करेगा. नागरिक समाज संगठनों के गठबंधन राष्ट्रीय गरिमा अभियान द्वारा इस साल मार्च से जुलाई तक कराए गए सर्वेक्षण पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार सीवर साफ करने के कारण हुई 97 मौतों की 51 घटनाओं में एक भी परिवार का वैकल्पिक नौकरी में पुनर्वास नहीं कराया गया. फलस्वरुप वह सीवर साफ करने वाले बन गए.


11 राज्यों में 51 मामलों में परिवार के सदस्यों और बाल बाल बचे लोगों ने खुलासा किया है कि केवल 16 मामलो में ही प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार सेप्टिक टैंकों एवं सीवरों की सफाई के दौरान इन्हें साफ करने वालों की मौत की ज्यादातर घटनाओं में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई और एक भी मामले में अभियोजन नहीं हुआ. रिपोर्ट के अनुसार साल 1992-2018 के बीच 27 राज्यों में कुल 140 घटनाओं में 205 लोगों की मौत हुई है. गुजरात में 62, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में 29-29, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में 24 -24 मौतें हुई हैं.