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जब डॉक्टरों ने सुनील दत्त को दी नरगिस को मौत के मुंह में धकेलने की सलाह!

सुनील दत्त नरगिस से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ एक-एक क्षण को जीना चाहते थे.

Kumar Sanjay Singh

सुनील दत्त और नरगिस की जोड़ी बॉलीवुड में सबसे आदर्श जोड़ी मानी जाती है. सुनील दत्त के व्यक्तित्व की कायल रही नरगिस ने एक आदर्श पत्नी की तरह ना केवल सुनील दत्त का साथ दिया बल्कि उनके परिवार को भी एक मजबूत सहारा दिया.

मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान  सुनील दत्त नरगिस को मौत के मुंह से खींच लाए थे. लेकिन बाद में वो समय भी आया जब डॉक्टरों ने कैंसर की तकलीफ से तड़पती नरगिस को मौत के मुंह में धकेलने की सलाह सुनील दत्त को दे डाली.


स्ट्रगल के दिनों में सुनील दत्त एक रेडियो प्रेजेंटर का काम किया करते थे. रेडियो सिलोन की तरफ से उन्हें नरगिस के इंटरव्यू का काम सौंपा गया था.

नरगिस उस समय की बड़ी स्टार मानी जाती थीं. पहली बार नरगिस को अपने सामने देख कर सुनील दत्त बुरी तरह नर्वस हो गए और उनसे एक भी सवाल नहीं पूछ पाए. इस नर्वसनेस के कारण सुनील दत्त की नौकरी जाते-जाते बची थी.

नरगिस से सुनील दत्त की दूसरी मुलाकात विमल रॉय की फिल्म 'दो बीघा जमीन' के सेट पर हुई. नरगिस वहां विमल रॉय से मिलने आईं थी और सुनील दत्त वहां काम की तलाश में पहुंचे थे.

सुनील दत्त को देखते ही नरगिस को पिछ्ला वाकया याद आया तो वो उनकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गईं.

मदर इंडिया

नरगिस ने इस दौरान उनकी काफी मदद की जिससे वो सहज होकर अपना रोल निभा सके.

नरगिस की इस दरियादिली के कारण सुनील दत्त नरगिस को चाहने लगे. इस चाहत का क्लाइमैक्स तब सामने आया जब  मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान नरगिस आग में घिर गई.

तो सुनील दत्त ने जान हथेली पर रख कर उन्हें आग से सुरक्षित बाहर निकाला.

नरगिस के कठिन साल

अब दोनों ही दिग्गज कलाकार एक दूसरे की मुहब्बत के गिरफ्त में आ चुके थे. इसके कुछ दिनों बाद ही दोनों ने शादी भी कर ली.

1980 तक आते-आते नरगिस की कैंसर की बीमारी लाइलाज हो चुकी थी. इलाज के दौरान नरगिस कोमा में चली गयी. इलाज के लिए सुनील दत्त उन्हें अमेरीका ले गए.

कीमोथेरेपी के कारण नरगिस को भयंकर पीड़ा होती थी जिसे देख डॉक्टर्स भी काफी चिंतित थे. उनकी इस पीड़ा को देखते हुए डॉक्टरों ने सुनील दत्त को सलाह दी कि वो नरगिस का लाइफ सपोर्ट सिस्टम स्विच ऑफ कर दें ताकि नरगिस को इस पीड़ा से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाए.

लेकिन सुनील दत्त ने इससे साफ़ इंकार कर दिया. सुनील दत्त नरगिस से बेहद प्यार करते थे और उनके साथ एक-एक क्षण को जीना चाहते थे.

इसे सुनील दत्त की मुहब्बत का नतीजा कहें या डॉक्टरों की मेहनत नरगिस कुछ दिनों बाद कोमा से बाहर आ गईं और उनकी हालत में तेजी से सुधार भी होने लगा लेकिन उनका कोमा से बाहर आना एक चमत्कार ही था.

नरगिस ज्यादा दिनों तक जीवित न रह सकीं और 3 मई 1981 को उनकी मृत्यु हो गयी.