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विशेष : टीवी इंडस्ट्री ने किया इंडियन टीवी शोज से पाकिस्तान में बैन हटाए जाने का स्वागत

पाकिस्तान में इंडियन टीवी शोज से बैन हटाए जाने का पाकिस्तान और इंडिया दोनों जगह स्वागत हुआ है

Rajni Ashish

हाल ही में पाकिस्तान में इंडियन टीवी इंडस्ट्री के हक में एक बहुत बड़ा फैसला हुआ. पाकिस्तान इल्ट्रोनिक मीडिया रेग्युलेट्री अथॉरिटी (पेमरा) की ओर से पाकिस्तान में इंडियन टीवी शोज पर लगाया गया बैन लाहौर हाई कोर्ट ने हटा दिया है. इस फैसले के में कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि भारतीय टीवी शोज के प्रसारण से उन्हें कोई आपत्ती नहीं है. लाहौर हाई कोर्ट ने चीफ जस्टिस मंसूर अली शाह कहते है कि एंटी पाकिस्तान और आपत्ती जनक कंटेट पर सेंसर्ड हो सकते है, लेकिन भारतीय टीवी शोज पर पूरी तरह से बैन नहीं किए जा सकते.


लाहौर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह ने इंडियन टीवी शोज पर पाकिस्तान में लगे बैन पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक को अपनी नीति में बदलाव लाने की जरूरत है. आज दुनिया एक वैश्विक गांव बन गई है और इस तरह के प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है.

जज ने अपने फैसले में साफ कहा कि "इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल मीडिया के इस युग में, कोई भी सामग्री देखना कोई मुश्किल बात नहीं है. ऐसे में किसी इस तरह के प्रतिबंध का कोई मतलब नहीं है. हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से राजनयिक संबंध हताहत हुए हैं. इस टकराव का असर यह हुआ है कि पिछले साल उरी (आतंकवादी) हमले के बाद भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों के प्रति भारी असंतोष फैला है. "अब जब पाकिस्तानी चैनलों से भारतीय शोज पर प्रतिबंध हटा दिया गया है, तो यह भारतीय प्रसारकों के लिए एक स्वागत योग्य कदम होगा. खासकर जब पाकिस्तानी टीवी शो सरहद पार काफी लोकप्रिय हो रहा है. सहभागिता में ही हमारा भविष्य है.

आपको बता दें कि उड़ी अटैक के बाद पाकिस्तान की इलेक्ट्रानिक मीडिया रेगुलेशन अथॉरिटी (पेमरा) ने 19 अक्टूबर 2016 को अधिसूचना जारी कर सभी तरह के भारतीय कंटेंट के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था. उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तल्खी आने के बाद (पेमरा) ने ये फैसला किया था.

पाकिस्तान में हुआ फैसले का स्वागत

एक पाकिस्तानी अखबार ने गुरुवार को लाहौर हाई कोर्ट के द्वारा निजी चैनलों पर भारतीय टीवी सामग्रियों के प्रसारण पर लगे बैन हटाए जाने के फैसले का स्वागत किया है. 'द डॉन' के संपादकीय में लिखा गया कि "यह निश्चित रूप से बेहतर समझ का मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विनियामक प्राधिकरण (पेमरा) द्वारा जारी आदेश का जिक्र किया जिसमें भारतीय नाटकों की सामग्री को आपत्तिजनक और पाक विचारधारा के विपरीत बताया था.

इंडियन टीवी एक्टर्स ने बैन हटाए जाने के फैसले पर जाहिर की खुशी

भारत में भी इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है. खासकर टीवी इंडस्ट्री के लोग बैन हटाए जाने के फैसले का जमकर स्वागत कर रहे हैं.

आइये बताते हैं आपको टीवी इंडस्ट्री के आपके पसंदीदा एक्टर्स ने इस बड़े फैसले पर क्या कहा.

शक्ति अरोड़ा

मैं बहुत खुश हूं कि पाकिस्तान ने इंडियन टीवी शोज को पाकिस्तान में बैन किये जाने के पेटिशन को खारिज कर दिया है. मुझे लगता है कि इसी तरह से दोनों देशों के बीच सम्बन्ध सुधर सकते हैं. टैलेंट और आर्ट को कभी बनता नहीं जा सकता है.

रोहित भारद्वाज

मुझे इंडियन शोज के पाकिस्तान में बैन किये जाने के के फैसले से हैरानी हुयी थी क्योंकि वहां इंडियन फिल्में तो वैसे भी दिखाई जा रहीं थीं. ये तो एक तरह का चुनिंदा राष्ट्रवाद हुआ जिसे भारतीय फिल्मों को दिखाए जाने से आपत्ति नहीं है लेकिन टीवी शोज से परेशानी है. मुझे राहत मिली है कि कला और सिनेमा इस पक्षपातपूर्ण बैन के अब शिकार नहीं हैं और मुझे खुशी है कि मैं वहां मनोरंजन का स्रोत बने रह सकता हूं. मैं खुद, पाकिस्तानी शो का एक उत्साही प्रशंसक हूं. वे हमारे यहां मौजूद हैं और वो बहुत आकर्षक हैं .

रमन हांडा

भारत और पाकिस्तान दोनों देश अपने प्रतिद्वंद्विता के लिए प्रसिद्ध हैं. लेकिन मनोरंजन और खेल दो जोन हैं जो प्रतिद्वंद्वियों को भी साथ जोड़ते हैं और शांति और एकता का संदेश देते हैं. जब हम टीवी शो के बारे में बात करते हैं, तो यह पूरी तरह से मनोरंजन होता है जिसमें कोई धार्मिक परिभाषा नहीं होती है या कोई सीमा नहीं होती है. यह अन्य देशों के लिए शांति और प्यार का संदेश देने का एक शानदार तरीका है. शो में हम जिस तरीके से सोचते हैं और संस्कृति को भी व्यक्त करते हैं वो बेहद कलरफूल होता है और प्रेम से भरा होता है. मुझे खुशी है कि पाकिस्तानी अदालत ने वहां भारतीय टीवी शो पर प्रतिबंध को खारिज कर दिया है. अब हम सब कनेक्ट कर सकते हैं और अधिक बांड कर सकते हैं और हमारा प्यार भी उनको पहुंचेगा. ये एक महान व्यवसाय भी है हमारे उद्योग ने बहुत से पाकिस्तानी अभिनेताओं को पहचान भी मिली है. अब भारतीय शोज को वहां प्रसारित किया जा रहा है, इससे ये प्रमाण मिलेगा कि हम प्रतिद्वंद्विता या भेदभाव में विश्वास नहीं करते हैं.

करण ओबेरॉय

कम से कम ये फैसला ऐसे लोगों के लिए एक अच्छी पहल है जो हमारे शो कोफॉलो करते हैं और उनसे प्यार करते हैं. एक कलाकार हमेशा हर तरफ से प्यार, प्रशंसा और स्नेह चाहता है. उम्मीद है, इसी तरह की सभी और भी पहलों को दूसरे फील्ड में भी लागू किया जाएगा, ताकि शत्रुता कम हो जाए और अंत में मानवता जीत जाए.

अनिरुद्ध दवे

यह एक अच्छी बात है. पाकिस्तान में मेरे बहुत सारे प्रशंसक हैं. मेरे एक शो को वहां के एआरवाई डिजिटल पर टेलीकास्ट किया जाता है. इसके अलावा वहां कई लोग स्टार प्लस पर मेरा शो इंदु सिंह और सब टीवी पर यारो खूब देखते हैं. मेरे शो का विषय हमेशा पाकिस्तान के करीब रहा है. मैं फैसले की सराहना करता हूं निस्संदेह भारतीय शो अच्छे हैं और मुझे यकीन है कि उन्हें वहां प्यार मिलता रहेगा.

 सारा आर्फीन खान

अभिनय एक कला है और उसे भी राजनीती से अलग रखना चाहिए जैसे ओलंपिक को रखा गया है. यहां तक कि हिटलर के युद्ध के दौरान भी, ओलंपिक को जर्मनी में ही आयोजित किया गया था. कला और खेल लोगों को एक साथ लाता है, और इसमें कभी रुकावट नहीं आनी चाहिए. मुझे बहुत खुशी है कि पाकिस्तान की अदालत ने यह समझदार फैसला किया है.

नूतन राय

यह एक अच्छी खबर है! आइए हम दूसरे देशों की चीजों पर प्रतिबंध लगाने के फालतू के फैसले से दूर होते हुए, सिर्फ दूसरे देशों से आ रही अच्छी चीजों को स्वीकार करते हैं. इस मामले में भारत में पाकिस्तानी शोज देखने वालों की भी कमी नहीं है. तो फिर चीजों को क्यों मुश्किल बनाया जाये ? पाकिस्तान में हमारे प्रिय प्रशंसकों को हम लोग बताना चाहते हैं कि हम आपको भी प्यार करते हैं. बस हमारे लिए अपने प्यार और समर्थन को इसी तरह बनाये रखें. हम भी आपको एंटरटेन करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देते रहेंगे.

विकास वर्मा

वेल, मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हमारे शो देखते रहें, हमें इसी तरह से प्यार करते रहें और हम सर्वश्रेष्ठ शो में अपना बेस्ट देने की अपनी पूरी कोशिश करेंगे.

शरद मल्होत्रा

वाह! बढ़िया खबर. मैं वास्तव में खुश हूं कि पाकिस्तान अदालत ने आखिरकार याचिका को खारिज कर दिया. अब मेरे सभी पाकिस्तानी प्रशंसक फिर से, अपने पसंदीदा भारतीय शोज देख पाएंगे. जो लंबे समय से इससे वंचित रहे हैं !

शार्दुल पंडित

मैंने बहुत पहले इस विषय पर एक वीडियो बनाया था, जो वायरल हो गया था. जब देश शो और कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करते हैं, तो क्या यह वास्तविक समस्या का समाधान हो जाता है? राजनीति के लिए कला का उपयोग नहीं किया जा सकता. क्या आप संगीत, फिल्में, भोजन इन सब चीजों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं? मुझे खुशी है कि भारतीय शोज को अब प्रतिबंधित नहीं किया जा रहा है. दर्शकों को  अच्छे शोज से मतलब है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वो शो भारतीय या पाकिस्तानी है.

चंदन के आनंद

यह अच्छी खबर है मनोरंजन मनोरंजन है मैंने बड़े होते हुए पाकिस्तानी शोज देखे हैं. मानव आचरण और स्वाद के मामले में हम दोनों एकदम एक जैसे हैं. ये राजनीति ही है जो मतभेदों को जन्म देती है भारत हर तरह से आत्मनिर्भर है और हमारा मनोरंजन उद्योग आत्मनिर्भर है और हमें दुनिया भर के दर्शक देखते हैं. यह महान फैसला है जिसके बाद पाकिस्तान मरें भी हमारे शोज का आनंद लिया सकता है.

विनायक सिन्हा 

पाकिस्तानी न्यायालय द्वारा यह अच्छा निर्णय लिया गया है. क्योंकि रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं है. हमें जो जो भी देखने का मन करे उसे देखने के लिए हमारे पास आजादी होनी चाहिए. पाकिस्तान से कई प्रतिभाएं हैं जो हमारे देश में काम कर रही हैं और हम उन्हें प्यार करते हैं. उसी तरह से पाकिस्तानी दर्शक भी हमारे देश के कई कलाकारों से भी प्यार करते हैं.

अंकित सिवाच 

दोनों देशों की बाधाओं को दूर करने का एक अच्छा निर्णय है. मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि दुनिया भर के लोग समान हैं, मतभेद विभिन्न जनसांख्यिकीय, राजनीतिक या अन्य कारणों के कारण होते हैं. कला, मनोरंजन और खेल भावनाओं का सबसे शुद्ध रूप है और ये उसी तरह से रहना चाहिए. पाकिस्तानी न्यायालय के इस फैसले की जितनी प्रशंसा हो वो कम है.