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'स्तनपान कवर वि‍वाद' पर टीवी की सबसे पॉपुलर एक्ट्रेस हुई आग बबूला, उतरी इस एक्ट्रेस के सपोर्ट में

दिव्यांका त्रिपाठी ने अपना गुस्सा उतारते हुए हेटर्स को ना सिर्फ करारा जवाब दिया है बल्की मैगजीन कवर पर ब्रेस्टफीड करवाने वाली एक्ट्रेस गिलु जोसेफ का बचाव भी किया है

Rajni Ashish

इस साल मार्च में पॉपुलर मलयायम मैगजीन 'गृहलक्ष्मी' के कवर पेज पर छपी एक तस्वीर को लेकर विवाद हुआ हो गया था. तस्वीर में मलयालम एक्ट्रेस गिलु जोसेफ नवजात को स्तनपान करा रही थीं. इसके बाद केरल के कोल्लम में मुकदमा दर्ज हो गया था. जिसके बाद केरल हाईकोर्ट ने केस को खारीज कर दिया था. अब इस मैगजीन के कवर को लेकर छि‍ड़े विवाद पर टीवी की सबसे पॉपुलर एक्ट्रेस दिव्यांका त्रि‍पाठी ने भी अपनी राय रखी है. दिव्यांका त्रिपाठी ने अपना गुस्सा उतारते हुए हेटर्स को ना सिर्फ करारा जवाब दिया है बल्की मैगजीन कवर पर ब्रेस्टफीड करवाने वाली एक्ट्रेस गिलु जोसेफ का बचाव भी किया है.

दिव्यांका ने स्तनपान विवाद पर एक्ट्रेस का किया बचाव


दिव्यांका ने इस कवर फोटो पर उठे विवाद को लेकर स्पॉटबॉय.कॉम को एक इंटरव्यू दिया है. दिव्यांका ने इस विवाद पर कहा- 'मैं केरल कोर्ट के फैसले के साथ खड़ी हूं और इसके लिए कोर्ट का आभार व्यक्त करती हूं, मैं गृहलक्ष्मी और गिलू जोसेफ की भी तारीफ करना चाहूंगी. यह एक बोल्ड और बहुत आवश्यक पहल थी. मैंने मेरे दोस्तों और रिश्तेदारों को हमेशा अपने बच्चों को पब्लिक में स्तनपान करवाने को लेकर परेशान होते देखा है. हमारे देश में सार्वजनिक स्थलों पर मांओं को स्तनपान कराने के लिए कोई प्रावधान नहीं दिया गया है.'

दिव्यांका ने आगे कहा, 'इसके अलावा, एक मां अपने बच्चे की मां है. अगर वह अपने भूखे बच्चे को स्तनपान कराना चाहती है तो इस बारे में कुछ भी अश्लील नहीं हो सकता है. जब एक बच्चे को फीड कराना है तो उसे कराना है. और सभी मांओं को ऐसा करना चाहिए क्योंकि यही उनके बच्चे के लिए अच्छा है.'

दिव्यांका ने कहा- ब्रेस्ट- 'हॉर्मोनंस से प्रभावित एक स्तन-ग्रंथि का विकास हैं जिसमें बच्चे के जन्म के बाद 'मिल्क सि‍क्र‍िशन प्रासेसे' शुरू होता है. पुरुषों के स्तन सामान्य रूप से अल्पविकसित रहते हैं. चाहे किसी डिक्शनरी में ये नहीं लिखा गया है लेकिन इसलिए, महिलाओं के स्तन एक बच्चे को फीड कराने के लिए होते हैं. वे निश्चित रूप से प्रजनन अंग नहीं हैं. इसे अश्लीलता से ना देखा जाए. एक औरत को एक औरत होने दो. न्याय करना और निर्देश देना बंद करो! सम्मान करना शुरू करो!'

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलयायम मैगजीन 'गृहलक्ष्मी' के कवर पेज पर विनोद मैथ्यू विल्सन नाम के एक वकील ने सवाल खड़े किए थे. उन्होंने दावा किया कि ये कवर अश्लील और अपमानजनक था. ऐसी तस्वीर समाज में महिलाओं की छवी को खराब करती है. इसके साथ ही इस फोटो के साथ ये भी लिखा कि- 'केरल की मांएं कह रही हैं, कृपया घूरे नहीं हमें ब्रेस्टफीड कराना है.'